सौ बार जनम लेंगे, सौ बार फ़ना होंगे।
भोले तेरे चरणों में ,सौ बार फ़िदा होंगे।।
नहीं चाहत मुझे भोले स्वर्ग और मुक्ति की।
बस एक ही चाहत है तेरी बार बार भक्ति की।।
सर मेरा तेरे चरणों में,तेरा हाथ सदा मेरे सर पे हो।
मैं रहूँ कहीं भी कैसे भी।पर ध्यान मेरा तेरे दर पे हो।।
चाहत का क्या ,चाहत तो संसार भर की है।
पर मेरी मंजिल मेरी चाहत तो तेरे दर की है।।