एक बनिया मित्र हैं कांच की कलात्मक चीजें बनाते हैं.... उनका एक बड़ा सा शोरूम हैं ऐसे ही आईटम का...
एक बार उनके शोरूम पर बैठ बकैती चल रही थी सिगरेट फूंक रहे थे....... तभी उसने कहा "यार अजय नीचे काउंटर में ऐशट्रे रखी है वो निकाल ले"
मैंने देखा वो ऐशट्रे बड़ी पुरानी, गंदी, कालिख जमी थी.... लेकिन बैठी हुई बतख की डिज़ाइन वाली वो ऐशट्रे वाकई खूबसूरत थी.....
मैंने गुप्ता जी से पूछ लिया "अबे इसकी ऐसी दुर्गत क्यों बनाये है..... इतनी बढ़िया ऐशट्रे है दौड़ के बिकेगी"
गुप्ता ने बताया "ये वाली तीन साल पहले बनवाई थी दो-चार पीस बिके बाकी किसी ने हाथ न लगाया...... बतख की गर्दन चली जाती है जल्दी इस वजह से..... सैकड़ों पीस पड़े हैं"
मैंने कहा "#सस्ते_में_निकाल_दे"
वो बोला "चुटीए हो क्या अब ये चार गुने में बिकेगी"
मैंने पूछा "कैसे"
गुप्ता ने गुप्त राज खोला "जो तुझे गंदा, कालिख लगा, खराब दिख रहा है वो करने के कारीगर ने पैसे लिए है........ ये अब पुरानी और #एंटीक_आइटम के तौर पर बिकेगी"....
जे फोटो देख मेरे को 10 साल पुरानी बात याद आगयी पता नहीं क्यों.......
वैसे एक बात बोलूं "गधा अब भी न बिकेगा"