सदैव प्रतिहिंसा की सम्पूर्ण तैयारी से परिपूर्ण होकर अहिंसक बने रहिए बस यहीं हिंदुत्व है। प्रभू श्री राम जी ने राजपाठ, धन, वैभव सब कुछ त्याग दिया परंतु धनुष बाण से कभी विरत न हुए। उनके संदेश को समझिये।
भारत के नायक, रघुनायक, कौशल्यानंदन राम हैं! श्री राम को जयघोष से निकाल कर आचरण मे ले आईये। राम हमारे आचरण में नहीं हैं इसलिये हमारी यह दुर्दशा हो रही है ।