#मुल्ला_मुलायम द्वारा रामभक्तों को देखते ही गोली मारने के आदेश के बावजूद, जान की बाजी लगाकर बाबरी ढांचे पर भगवा फहराने वाले दोनों #कोठारी_बंधुओ की बड़ी बहन पूर्णिमा कोठारी ने नम आंखों से बताया, कि 5 अगस्त को #राम_मंदिर_भूमि_पूजन कार्यक्रम में हमें अब तक निमंत्रण नहीं मिला है...
नहीं बुलाया, कोई बात नहीं, हम भारी मन से इसे स्वीकार कर लेते, क्योंकि बलिदानियों का दर्जा आमंत्रण निमंत्रण की औपचारिकता से बहुत ऊंचा होता है, परन्तु अपने मजहब और कुरान की सीख पर अडिग रहने वाले तथाकथित गौभक्त #मोहम्मद_फैज_खान को बुलाकर जले पर नमक छिड़का गया है... क्या यह #श्रीराम_और_भगवा के सम्मान के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वालों का अपमान नहीं है??
जिस तरह, #अमरनाथ_गुफा_की_खोज_का_झूठा_श्रेय एक मुस्लिम को दिया जाता है, उसी तरह कल को #राम_मंदिर_की_नींव भी एक मुस्लिम ने रखी थी, यही बताया/पढ़ाया जाएगा... पहले वामपंथियों ने इतिहास को गलत रूप में "लिखकर" विकृत किया था, आज भविष्य के इतिहास की #विकृति_का_सृजन किया जा रहा है... इस शुभ कार्य में किसी म्लेच्छ को घुसाना आवश्यक था क्या? कहां तो हम लोग चाहते हैं, कि राम मंदिर के 11 या 21 किलोमीटर की परिधि में गैर हिन्दू का प्रवेश प्रतिबंधित कर देना चाहिए, और कहां नींव डालने के लिए म्लेच्छ को शामिल किया जा रहा है!
किसी को भी श्रीराम के ननिहाल पक्ष की ओर से एक म्लेच्छ को दावेदार बनाने का कोई हक नहीं है... इन्हें ननिहाल पक्ष ओर से मिट्टी भेजने के लिए एक भी योग्य हिन्दू नहीं मिला क्या, जो #फैजखान को बुलाना पड़ रहा है? जब सत्ता में बैठे लोगों की तरफ से #सेकुलरिज्म का ऐसा घिनौना सन्देश दिया जाएगा, तो जिहाद का विरोध करने वाले और हिंदुत्व के लिए लड़ने वाले हत्तोउत्साहित नहीं होंगे क्या?
यदि किसी को इस निमंत्रण में हिन्दूहित या कूटनीति (कुत्तनीति) वगैरह दिखाई दे रही है, तो वो कोई अंडा ही हो सकता है, और ऐसे अंडों को हम असली सनातनी लोग, वापिस वहीं घुसेड़ देंगे, जहां से वो निकले हैं...
अंत में बड़ा सवाल ये, कि भविष्य के इतिहास की इस #विकृति_का_सृजनकर्ता किसे माना जाए? क्या इसके लिए राहुल गांधी जिम्मेवार हैं????