सेवाव्रती राजकिरण स्वदेशी 's Album: Wall Photos

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“एकता का दुर्ग इतना सुरक्षित होता है कि इसके भीतर रहने वाले कभी भी दुःखी नहीं होते है |” आप ने कभी अंगीठी में जलते हुए कोयले देखा है ? सभी कोयले एक साथ मिलकर कितने तेजस्वी हो जाते है | पर आपने कभी सोचा है जो कोयला अंगीठी में इतना तेजस्वी है अगर उसमें से किसी एक कोयले को अंगीठी से बाहर निकाल कर रख दें तो उस कोयले का क्या हश्र होगा ? जी हां वह अकेला पड़ने पर राख हो जाएगा | इंसान के साथ भी कुछ ऐसा ही होता है | जब तक व्यक्ति समुदाय या संगठन में रहता है तभी तक उसका अस्तित्व है संगठन से बाहर होने पर व्यक्ति का पतन निश्चित है | संगठन से बड़ी कोई शक्ति नहीं होती है |
“ संगठन की शक्ति से ही देश का विकास होता है "