सेवाव्रती राजकिरण स्वदेशी 's Album: Wall Photos

Photo 24 of 399 in Wall Photos

#हल्दी (औषधीय गुणों से भरपूर)
हल्दी (टर्मरिक) भारतीय खाद्य वनस्पति है।

◆हल्दी (टर्मरिक) भारतीय वनस्पति है। यह अदरक की प्रजाति का ५-६ फुट तक बढ़ने वाला पौधा है जिसमें जड़ की गाठों में हल्दी मिलती है। हल्दी को आयुर्वेद में प्राचीन काल से ही एक चमत्कारिक द्रव्य के रूप में मान्यता प्राप्त है। औषधि ग्रंथों में इसे हल्दी के अतिरिक्त हरिद्रा, कुरकुमा लौंगा, वरवर्णिनी, गौरी, क्रिमिघ्ना योशितप्रीया, हट्टविलासनी, हरदल, कुमकुम, टर्मरिक नाम दिए गए हैं। आयुर्वेद में हल्‍दी को एक महत्‍वपूर्ण औषधि‍ कहा गया है। भारतीय रसोई में इसका महत्वपूर्ण स्थान है और धार्मिक रूप से इसको बहुत शुभ समझा जाता है। विवाह में तो हल्दी की रसम का अपना एक विशेष महत्व है।

●लैटि‍न नाम : करकुमा लौंगा (Curcuma longa)
●अंग्रेजी नाम : टरमरि‍क (Turmeric)
●पारि‍वारि‍क नाम : जि‍न्‍जि‍बरऐसे

★परिचय★

◆हल्दी में उड़नशील तेल 5.8%, प्रोटीन 6.3%, द्रव्य 5.1%, खनिज द्रव्य 3.5%, और करबोहाईड्रेट 68.4% के अतिरिक्त कुर्कुमिन नामक पीत रंजक द्रव्य, विटमिन A पाए जाते हैं। हल्दी पाचन तन्त्र की समस्याओं, गठिया, रक्त-प्रवाह की समस्याओं, कैंसर, जीवाणुओं (बेक्टीरिया) के संक्रमण, उच्च रक्तचाप और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल की समस्या और शरीर की कोशिकाओं की टूट-फूट की मरम्मत में लाभकारी है। हल्दी कफ़-वात शामक, पित्त रेचक व पित्त शामक है। रक्त स्तम्भन, मूत्र रोग, गर्भश्य, प्रमेह, त्वचा रोग, वात-पित्त-कफ़ में इसका प्रयोग बहुत लाभकारी है। यकृत की वृद्धि में इसका लेप किया जाता है। नाड़ी शूल के अतिरिक्त पाचन क्रिया के रोगों अरुचि (भूख न लगना) विबंध, कमला, जलोधर व कृमि में भी यह लाभकारी पाई गई है। इसी प्रकार हल्दी कि एक किस्म काली हल्दी के रूप में भी होती है। उपचार में काली हल्दी पीली हल्दी के मुक़ाबले अधिक लाभकारी होती है।

★हल्दी के चामत्कारिक गुण★

◆रसोई की शान होने के साथ-साथ हल्दी कई चामत्कारिक औषधीय गुणों से भरपूर है। आयुर्वेद में तो हल्‍दी को बेहद ही महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि हल्दी गुमचोट के इलाज में तो सहायक है ही साथ ही कफ-खांसी सहित अनेक बीमारियों के इलाज़ में काम आती है। इसके अलावा हल्दी सौन्दर्यवर्धक भी मानी जाती है और प्रचीनकाल से ही इसका उपयोग रूप को निखारने के लिए किया जाता रहा है। वर्तमान समय में हल्दी का प्रयोग उबटन से लेकर विभिन्न तरह की क्रीमों में भी किया जा है।

★औषधीय गुण★

◆हल्दी एक महत्वपूर्ण औषधि है। इसका उपयोग रसोई घर से लेकर मांगलिक कार्यों तक किया जाता है, घरेलू उपचार के रूप में भी इसका कई तरह से इस्तेमाल किया जाता है। किन-किन स्वास्थ्य समस्याओं में हल्दी लाभदायक साबित होती है..

●चोट लगे तो हल्दी आजमाएं
यदि किसी कारण से शरीर के बाहरी या अंदरूनी हिस्से में चोट लग जाए, तो प्रभावित व्यक्ति को हल्दी वाला दूध पिलाएं। यह अपने एंटी बैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुणों के कारण बैक्टीरिया को पनपने नहीं देता।

●डायबिटीज में लाभकारी
हल्दी डायबिटीज के रोगियों के लिए लाभकारी है। इसके लिए हल्दी को एक चम्मच आंवले के रस, एक चम्मच शहद और एक चम्मच गिलोय के रस के साथ मिलाकर पिएं।

●दूध के साथ हल्दी का सेवन
हल्दी, मंजिष्ठा, गेरू, मुलतानी मिट्टी, गुलाब जल, एलोवेरा एवं कच्चे दूध को मिलाकर लेप तैयार करें। इसे चेहरे पर लगाने से त्वचा में निखार आता है। हल्दी वाला दूध पीने से त्वचा में प्राकृतिक चमक पैदा होती है।

●यदि आप नजले, जुकाम, खांसी से परेशान हैं, तो गर्म दूध में एक चम्मच हल्दी मिलाकर पिएं, इससे लाभ होगा।
रोज सुबह खाली पेट गुनगुने दूध में हल्दी मिलाकर सेवन करें, तो शरीर के दर्द, पेट के रोग आदि से छुटकारा पा सकते हैं।

●रक्त की सफाई करे हल्दी
हल्दी के सेवन से रक्त साफ होता है। इसके सेवन से रक्त में मौजूद विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं। अगर चोट लगने पर तेजी से खून बह रहा है, तो आप उस जगह तुरंत हल्दी डाल दें। इससे खून बहना रुक जाएगा।

●स्त्रियों के लिए हल्दी का उपयोग
महिलाओं में होने वाले श्वेत प्रदर या ल्युकोरिया जैसे रोगों में हल्दी अत्यंत गुणकारी औषधि है। इसके लिए पांच ग्राम हल्दी और अंजीर के तीन टुकड़े का सेवन करने से लाभ होता है।

●’हल्दी, खाने वाला चूना और शहद का लेप बना कर इसे मोच, ऐंठन, चोट या शरीर में आई सूजन वाली जगह पर लगाने से तुरंत लाभ होता है।

●’एनीमिया, पीलिया, बवासीर, सांस के रोग और लगातार हिचकी आने की स्थिति में हल्दी और काली मिर्च के धुएं को सूंघने से लाभ होता है।

●’चर्म रोगों में एक चम्मच कच्ची हल्दी और एक चम्मच आंवले के रस को पानी के साथ लेने से लाभ होता है।
’देसी घी से यदि दुर्गंध आ रही हो, तो उसे दूर करने के लिए हल्दी के पत्तों को पीसकर घी के साथ उबाल लें। इसके बाद इसे छान लें। इससे घी की दुर्गंध दूर हो जाएगी।

●’खुजली, दाद या त्वचा पर चकत्ते पड़ जाने पर हल्दी को गौ मूत्र के साथ मिलाकर इसका लेप प्रभावित जगह पर लगाएं, इससे जल्द आराम मिलेगा।

●मोटापा दूर करे
मोटापा कम करने के लिए हल्दी, नीबू, पुदीना, तुलसी और अदरक को आपस में मिलाकर चटनी बना लें। इसका नियमित सेवन करें, मोटापे पर काबू पाने में सफलता मिलेगी।

●मौसमी रोगों में फायदेमंद
’हल्दी की गांठों को नियमित रूप से चूसने से खांसी में राहत मिलती है। खांसी में हल्दी को भूनकर आधा चम्मच शहद या देसी घी के साथ खाने से भी लाभ होता है।
’जुकाम होने पर हल्दी पाउडर या हल्दी की गांठ को चूल्हे पर गर्म कर इससे निकलने वाले धुएं को सूंघें, लाभ होगा।

●’सिरदर्द होने या चक्कर आने पर हल्दी का लेप सिर पर लगाने से लाभ होता होता है।
बरतें सावधानी

●हल्दी का सेवन 3 से 5 ग्राम की मात्रा में ही करना चाहिए। विशेष स्थिति में आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह से इसका सेवन करना चाहिए।