पेट्रोल-डीजल पर मोदी सरकार बेनक़ाब हो गई है... सरकार जनता को लूट रही है... ऐसी लुटेरी सरकार से जनता बदला ज़रूर लेगी...
ये वो बातें हैं जो कुछ निष्पक्ष टाइप के पत्रकार पिछले कुछ दिनों से उछाल रहे हैं। चूँकि मोदी सरकार उनकी बात सुन नहीं रही है, इसलिए अब उन्हें कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और शिवसेना जैसी सेकुलर और जनता के दुखदर्द को समझने वाली पार्टियों से माँग करके देखना चाहिए।
उनकी जानकारी के लिए:
- दिल्ली सरकार एक लीटर पेट्रोल पर 35 रुपया (19+16) टैक्स ले रही है।
- महाराष्ट्र सरकार 41 रुपये (19+22) टैक्स ले रही है।
- राजस्थान सरकार ने अकेले लॉकडाउन के दौरान वैट 8 प्रतिशत बढ़ाया है।
पूरे देश में एक लीटर पेट्रोल पर टैक्स में केंद्र का हिस्सा सिर्फ़ 17 रुपया है। इतने में ही उसे लद्दाख में रोड भी बनानी है और चीन से लड़ने के लिए हथियार भी खरीदने हैं। साथ ही कोरोना से भी निपटना है।
ऐसे में कांग्रेस और उसके साथी दलों की सरकारों के पास सुनहरा मौका है। वो चाहें तो तेल पर एक साथ 15 से 20 रुपया टैक्स कम करके जनता का दिल जीत सकती हैं।