Parvesh Kumar's Album: Wall Photos

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2.7.2020
*अपने दुख और समस्याएं सबको न बताएं।*
संसार में सब प्रकार के लोग हैं। कुछ लोग स्वार्थी हैं, और कुछ परोपकारी भी हैं। सबके अपने-अपने पूर्व जन्मों के संस्कार अलग-अलग हैं। उन संस्कारों से प्रेरित होकर सब लोग इस वर्तमान जीवन में अपना अपना कार्य करते हैं। *जिनके पूर्व जन्म के संस्कार अच्छे हैं, वे दूसरों की सहायता करते हैं। जिनके संस्कार अच्छे नहीं हैं, वे स्वार्थी कहलाते हैं, और दूसरों की हानियां करते रहते हैं.* इसलिए आपको सब की पहचान करनी होगी, कि कौन व्यक्ति आपका हितैषी है. कौन आपके लिए अच्छा और सुखदायक सुझाव देता है। कौन आपकी समस्याओं को ठीक प्रकार से सुलझाता है। और साथ ही साथ, यह भी देखना होगा कि कौन व्यक्ति आपकी समस्याओं को बढ़ाता है।
जो स्वार्थी होगा, वह अनेक प्रकार से आपको दुख देगा। तो अपने जीवन को सुरक्षित बनाने के लिए आपको प्रत्येक व्यक्ति का परीक्षण करना चाहिए। *उसकी भाषा, उसका व्यवहार, उसका वचन पालन, उसके चेहरे के हाव भाव इत्यादि से उसका परीक्षण करें, कि वह आपके लिए सुखदायक होगा अथवा आपकी समस्याओं को बढ़ाएगा?*
कुछ समय तक उसके साथ व्यवहार करके भी देखें। व्यवहार के अनुभव से भी आपको पता चलेगा कि कौन व्यक्ति कैसा है?
जब आप कुछ लंबे समय तक किसी व्यक्ति का परीक्षण कर लेवें, और आपको पता चल जाए, कि यह व्यक्ति मेरे लिए हितकारी है। और अमुक व्यक्ति मेरे लिए हानिकारक है। *तो उस हितकारी व्यक्ति को ही अपने दुख और समस्याएं बताएं, जिस पर आप विश्वास करते हैं, उसी से अपनी समस्याओं का समाधान पूछें। अन्य स्वार्थी और दुष्ट लोगों को अपने दुख और समस्याएं न बतलाएँ।* वे लोग तो इसका दुरुपयोग ही करेंगे, तथा आपके जीवन को और अधिक संकट में डाल देंगे।
- *स्वामी विवेकानंद परिव्राजक*