मैने अपने जीवन मे #प्रेम ओर #विद्रोह दोनो खुल कर किया है अब आप बताऐ जब मै हिन्दुओ के बीच मे रहकर उन्हें के गलत काम का समर्थन नही करता उनका खुलकर विरोध करता हूँ तो मै कैसे उस मजहब का सम्मान करू जो नाबालिक बच्ची को साथ सामूहिक दुष्कर्म(बलात्कार) करते है मै कैसे उस मजहब का सम्मान करू जो दुष्कर्म करके आग लगाकर जली लाश तक नाली मे फैक देते है मै उसका सम्मान कैसे करू जो हमारे सैनिकों को मार देते,कैसे उसका सम्मान करू जिन्होंने अशफाख को काफिर कहकर मारना चाह मै कैसे उसका सम्मान करू जिन्होंने हजार मन्दिरो को ध्वस्त कर दिया,मै कैसे उनका सम्मान करू जो सेना पर पथर फैकते हो, मै कैसे उनका सम्मान करू जो आऐ दिन हमारी बहने से जिहाद का गन्दा खेल करते है फिर भी मै प्रयास करूगा मै इनका सम्मान कर सकू