santosh sagar's Album: Wall Photos

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मोदी जी लेह दौरा के उपरांत गलवान घाटी में घायल हुए सैनिकों से मिलने पहुंचे।
जबसे मोदी जी लेह गए और सैनिकों के साथ बातचीत की घायल सैनिकों से मिले उनसे बातचीत की तब से चमचे सब का बुरा हाल है जैसे लगता है इनकी (चमचा) पिछवाड़े में कोई जलती हुई सिगरेट घुसा दिया हो, वैसे ही जल रही है। तरह तरह की कॉमेंट करने लगे कुछ इस प्रकार" इतना जगमग करता हुआ शानदार हॉल किसी अस्पताल का वार्ड तो नहीं हो सकता। देखिए इसकी वुडेन फ्लोरिंग, देखिए इसकी फॉल सीलिंग! अरे देखिए एक प्रोजेक्टर भी लगा है, उसको लाल गोले से घेर कर दिखा देते हैं सहूलियत के लिए।
तो यह कोई वार्ड नहीं है, नरेंद्र मोदी के फोटो शूट के लिए तैयार किया गया है सेट है"
समझे कि तुम मोदी विरोध में अंधे हो और अनपढ़ हो। समझे कि तुम कुछ लिखने से पहले जरा फैक्ट-चेक करना भी नहीं जानते हो। और यह भी समझे कि फैक्ट-चेक करने में तुम्हारी कोई दिलचस्पी भी नहीं है, क्योंकि तुम्हें केवल रायता फैलाना है। समझे चमचे।
23 जून को सेनाध्यक्ष नरवने जब गलवान में घायल हुए सैनिकों से मिलने गये थे, तो उस समय की तस्वीरें भी तुमने देखी होती। सेनाध्यक्ष नरवने ने जिस हॉल में घायल सैनिकों से मुलाकात की थी, प्रधानमंत्री मोदी भी उसी हॉल में घायल सैनिकों से मिले, उनसे बात की।
होगा यह कॉन्फ्रेंस हॉल। अब यह कॉन्फ्रेंस हॉल क्यों वार्ड में बदला गया ये शायद सब को पता होगा।
इसीलिए बोल रहा हूं इतना भी चमचागिरी ठीक नहीं पहले अच्छी तरह जानकारी ले लो उसके बाद आओ रायता फैलाने। तलवे कितने चटोगे। ऐसे ही जीना है तो इसमें मै क्या करु ।