संस्कृतभाषा में लिखे वेद, पुराण,उपनिषद्, दर्शन, साहित्य व सूत्रों में शाश्वत ज्ञान का अथाह भण्डार सुरक्षित है। इनमें विज्ञान, समाज विज्ञान और दर्शन का अद्भुत. संकलन है। देश के अभिलेखागारों में करीब १ करोड २० लाख प्राचीन ग्रन्थ व पाण्डुलिपियां सुरक्षित है। यह सब संस्कृतभाषा में उपनिबद्ध है। संस्कृत को सम्यक् रुप से व्याख्यायित कर सकने वालों की संख्या में तेजी से कमी आ रही है।
समय रहते इस ज्ञान के संरक्षण व संवर्धन के लिए कदम नही उठाये गये तो प्राचीन ग्रन्थों में समाहित हजारों वर्ष पुराना ज्ञान भावी पीढियों के लिए रहस्य बन कर रह जायेगा। परम्परागत प्राच्य शिक्षणशास्त्र पर आधारित संस्कृत महाविद्यालयों विश्वविद्यालयों से उत्तीर्ण शास्त्री आचार्य व विद्यावारिधि विद्यावाचस्पति आदि उपाधिधारी ही प्राचीन ग्रन्थों की सम्यक् व्याख्या कर सकते है।