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महाभारत उद्योगपर्व में महात्मा विदुर ने बताया कि स्वस्थ रहना सबसे बड़ा सुख है, ऐसी ही 5 बातें जिनका जीवन में आज भी महत्व है
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महाभारत में विदुर ने कई नीतियों के बारे में बताया है। वे नीतियां न सिर्फ उस समय में उपयोगी थीं, बल्कि आज भी हर इंसान के जीवन में महत्व रखती हैं। अगर उन नीतियों का ध्यान रखा जाए, तो मनुष्य किसी भी परेशानी का हल आसानी से पा सकता है। विदुर ने ऐसी 6 चीजों के बारे में बताया है, जिन्हें मनुष्य जीवन का सबसे बड़ा सुख माना गया है।
महाभारत के उद्योग पर्व में महात्मा विदुर का श्लोक-

आरोग्या मानृण्यमविप्रवासः सद्धिर्मनुष्यैः सह स्मप्रयोगः।
स्वप्रत्यया वृत्तिरभीतवासः षड् जीवनलोकस्य सुखानि राजन्।।

महात्मा विदुर के इस श्लोक का अर्थ
1. किसी पर निर्भर न होना
जो अपना और परिवार का जीवन यापन करने के लिए खुद धन कमाने में काबिल होता है, वह बहुत ही सुखी माना जाता है। कई लोग अपना जीवन चलाने के लिए दूसरों पर निर्भर रहते हैं, ऐसे लोगों का न तो स्वाभिमान होता है, न ही दूसरों की नजर में सम्मान। इसलिए, जो अपना जीवन चलाता हो, उसे सबसे सुखी माना जाता है।
2. उधार न लेना
मनुष्य को अपनी आय के अनुसार ही अपनी इच्छाएं रखनी चाहिए। लोग अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए दूसरों से उधार ले लेते हैं और कर्ज चुका नहीं पाते। ऐसा कर के वो लोग अपने साथ परिवार को भी परेशानी में डाल देते हैं। जो मनुष्य कर्ज से बचा रहता है, वह बहुत सुखी होता है।
3. अपने देश में रहना
कई कारणों से लोग अपना देश छोड़कर विदेश में रहने लगते हैं। ऐसा करने का कारण चाहे जो भी हो, लेकिन अपने देश में रहने का जो सुख है, वह कहीं और नहीं मिल सकता। इसके अलावा अपना देश छोड़कर दूसरे देश में रहने से दोष लगता है। जो मनुष्य पूरा जीवन अपने देश में बिताता है, वह बहुत सुखी होता है।
4. हमेशा स्वस्थ रहना
हमेशा स्वस्थ रहना मनुष्य जीवन का सबसे बड़ा वरदान होता है। जो मनुष्य बीमारियों की गिरफ्त में रहता है, उसे कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बीमार मनुष्य कोई भी काम ठीक से नहीं कर पाता। ऐसे मनुष्य को शरीर के साथ धन का भी नुकसान उठाना पड़ता है। वहीं बीमार व्यक्ति को दूसरों पर निर्भर होकर जीवन जीना पड़ता है। शरीर का साथ न मिलने पर ऐसा व्यक्ति अपनी इच्छा से कोई काम नहीं कर पाता।
5. निडर होकर जीना
जिसकी अपने से ज्यादा ताकतवर इंसान से दुश्मनी होती है, वह पूरा समय उसी दुश्मन के बारे में सोचता रहता है। इस कारण वह जीवन का पूरा आनंद नहीं ले पाता। डर या चिंता के कारण मनुष्य के दूसरे काम प्रभावित होने लगते हैं। वो कोई काम ठीक से नहीं कर पाता है। इसलिए, जो व्यक्ति बिना किसी भय के जीवन जीता है, वह सबसे सुखी माना जाता है।
6. अच्छी संगति होना
बुरे लोगों की संगति का परिणाम भी बुरा ही होता है। जो मनुष्य दुष्ट और हिंसक लोगों के साथ मेल-मिलाप रखता है, उसे आगे चलकर कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे लोगों की संगति को दलदल या किचड़ भी कहा गया है। क्योंकि एक बार ऐसे लोगों के साथ हो जाने पर उनसे दूरी बनाना भी मुश्किल हो जाता है। इसलिए, जिसकी दोस्ती अच्छे लोगों के साथ होती है, वह बहुत सुखी होता है।