प्रचीन मिस्त्र में लोग गाय की पूजा करते थे जब Ramesses II ने यहुदियों को मुक्त करने के मूसा की विनती को ठुकरा दिया तब मूसा ने कहा कि अब उनके ईश्वर यहोवा का क्रोध मिस्त्र पर निकलेगा और गैर यहूदी जितने भी लोग है उनके घर में बड़े बच्चे की मृत्यु हो जाएगी लेकिन यहोवा आसानी से जान सके कि यहूदियों के घर कौन कौन से इसलिये यहुदियों ने उस दिन गाय की कुर्बानी दी और गाय का खून से अपनो घरों पर खास निशान बनाया अगले दिन शहर के सार गैर यहूदी लोगों का बड़ा बच्चा मरा हुआ पाया गया।
हालांकि गाय काटने का विरोध करने पर मूसा को करीब 4000 यहूदियों का भी कत्ल करना पड़ा था। बाद में पैगेम्बर मोहम्मद ने इसी कथा से प्रेरणा लेते हुए ये त्योहार शुरू किया। अरबी में बकरा गाय को कहा जाता है।
जहां तक बात इब्राहिम की कहानी की है दिलचस्प बात ये है कि उनके दोनो पुत्रो के वंशज कुरान और ओल्ड टैस्टामेन्ट के अनुसार साकार ईश्वर के उपासक और गौ पूजक थे किसी भी निराकार ईश्वर यानि अल्लाह या यहोवा के नहीं।
मूसा ने गाय काट कर एक नए पंथ के स्थापना की थी जिसका एडवांस वर्जन आगे चल कर इस्लाम बना।
ज्यादा जानकारी के लिये christian bell की ये फिल्म देखनी चाहिये बाकी जिन्हें लगता है गाय काटने को लेकर आज का झगड़ा है उन्हें धर्मों/पंथों का इतिहास पढ़ना चाहिये...