आज का दिन कारगिल युद्ध में देश की विजय का दिन है, मातृभूमि की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर योद्धाओ को याद करने का दिन, मैं उस समय 12 वर्ष का था जब हम TV पर युद्ध की तस्वीरें देखते थे, गर्मी की छुट्टियों में स्कूल बंद थे हम नाना जी के पास गाँव में थे जब युद्ध शुरू हुआ था, गाँव के पास से टूंडला अलीगढ़ दिल्ली रेल लाइन निकलती हैं उससे सैनिकों से भरी ट्रेन, तोप, टैंक से लदी मालगाड़ियों और उसके पीछे कई किलोमीटर जय हिंद भारत माता की जय का नारा लगाते हुए भागना , रेलवे लाइन के किनारे पड़ोसी के खेतो से तरबूज , खरबूज तोड़ कर सैनिकों को दे कर सैनिकों से पाकिस्तानियों को सबक सिखाने की माँग करना मुझे आज भी याद है,
यह काम भले ही बचपने में किया उसे याद कर कभी कभी होटो पर मुस्कुराहट तैर जाती हैं, लेकिन वह मेरा एक मासूम प्रयास था अपने देश के वीर योद्धाओ और अपने देश के साथ खड़े होने का