इस फ़िज़ां में अपनी महक छोड़ जाऊँगा
रहे न रहे वजूद मेरा,
तेरे जेहन में अपनी याद छोड़ जाऊँगा।
ढूंढता रहा हसने के बहाने ताउम्र
तेरे होठों पे अपनी मुस्कान छोड़ जाऊँगा।
दिखाई न दूं आसमान में ध्रुव तारे की तरह,
इस दुनिया मे थोड़ी सी
अपनी पहचान छोड़ जाऊंगा।
भटकता फिरता रहा
अंधेरों में उजाले की तलाश लिए,
सूरज ने बन पाया तो क्या,
तेरी राह का दिया बन जलता जाऊँगा।
चंद खुशियां न समेत पाया तेरे दामन में,
दुआओं से तेरे पग के कांटे चुनता जाऊंगा।
मैं तो टकराता रहा हकीकत की शिला से हमेशा,
तेरे पलकों में कुछ सपने सजाता जाऊंगा।
हर जन्म साथ निभाने का वादा है तुमसे,
वादे को निभाने का वादा कर,
अपनी जिंदगी तुम्हारे पास छोड़ जाऊंगा।
मिट्टी का तन मिल जाएगा माटी में एक दिन,
तेरे आसपास अपना अहसास छोड़ जाऊँगा।
इस फ़िज़ां में अपनी महक छोड़ जाऊँगा,
रहे न रहे वजूद मेरा,
तेरे जेहन में अपनी याद छोड़ जाऊँगा।।
अनुराग...