आखिरकार पश्चिमी देशों के लोग भारतीय महिलाओं को अश्लील कपड़े पहनाने में सफल रहें।आज मानसिकता ये बन गयी है कि भारतीय महिलाएं कटे, फटे ,सटे और छोटे कपड़े पहनने में गर्व महसूस कर रहे हैं जबकि उनको भारतीय परिधान पहनने में शर्मिंदगी महसूस हो रही है।हालांकि कुछ वर्ष पहले तक महिलाएं शर्म से पश्चिमी पहनावा को नहीं पहनते थ लेकिन आज स्थिति विपरीत हो गई हैे और आखिरकार भारत के पुरूष भी इस बदलाव को सहजता से स्वीकार कर रहे हैं और अपनी नए पीढ़ी को खुद पश्चिमी परिधान (कटे, फटे ,सटे और छोटे कपड़े) पहनने को दे रहे हैं । फिर भी ये लोग बोलते हैं कि मुझे भारतीय होने पर गर्व है।
यह बहुत हीं शर्मनाक है । कपड़ा तो मात्र मै उदाहरण के लिए लिया हूँ लेकिन हमने अपने जीवन के हर क्षेत्र में पश्चिमी चीजों को अपनाकर बैठे हैं।
पहनावा(कपड़ा) का उदाहरण लेना जरूरी है क्योंकि यह किसी भी व्यक्ति का पहचान होता है तथा जब तक आदमी कुछ नहीं बोलता है तब तक उसका पहनावा हीं बोलता है और लोग इसी से अनुमान भी लगाते रहते हैं।
मैंने महिलाओं को विषय मे ज्यादा जोर इसलिए दिया हूँ क्योंकि ये हीं भारतीय संस्कृति को रक्षा करती आई हैं और अगर ये हीं विनाश करने में उतर जाएं तो बचाना असंभव है क्योंकि इन्हीं के हाथों में परिवार और आने वाली पीढ़ी का भविष्य पलता है।
भारत में महिलाएं तभी तक सुरक्षित है जबतक भारतीय संस्कृति जिंदा है क्योंकि हमारी संस्कृति से ज्यादा महत्व महिलाओं को कोई दूसरी संस्कृति सभ्यता नहीं दे सकती है।
यदि भारतीय होने पर गर्व है तो पश्चिमी मानसिकता और संस्कृति का तिलांजलि दें। अपनी बुद्धि से चले न की फिल्मी और खेल जगत के सितारों के अनुसार क्योंकि ये भारतीय संस्कृति का विनाशक हैं।
भारतीय बनें .....क्योंकि सादगी में हीं सुंदरता है।