Sambhav Jain's Album: Wall Photos

Photo 2,619 of 2,862 in Wall Photos

---- "#सभी_माँओं_की_झूठी_बीमारी" ----

"नानी, मैं एक कुल्फी और ले लूं, प्लीज़..".....चीकू ने फ्रिज खोलते हुए पूछा.

"चीकू, तुम खा चुके हो, गलत बात, वो कुल्फी नानी की है, हटो वहाँ से" ...... मैंने अपने 6 साल के बेटे को आँखे तरेरी,, लेकिन तब तक चीकू की नानी कुल्फी उसके हवाले कर चुकी थी |

मैने थोडा नाराज होते हुये कहा..... "क्या माँ आप भी ना,, मैं खास आपके लिए ये मलाई कुल्फी लाई थी| चीकू तो खा चुका था "
माँ बोली...... "अरे बेटा, जब से घुटनों में दर्द बढ़ा है ना, डॉक्टर ने कुछ भी ठंडा खाने को मना कर दिया है".....

मैंने सिर पकड़ लिया, माँ की वही "पुरानी बीमारी झूठ बोलने की" | बचपन में हमेशा यही होता था,, बस माँ जान जाएं कि हमें क्या अच्छा लगा और ये बीमारी उन्हें घेर लेती थी..... "माँ!! मटर पनीर और है क्या, बहुत अच्छी बनी है" .....
माँ एकदम बोल उठती..... "हाँ, मेरी कटोरी से ले लो, मुझसे तो और खाई ही नहीं जा रही, मिर्च बहुत है इसमे"......

एक बार पापा बडे शौक से,, माँ के लिए गुलाबी लिपस्टिक लाए थे| बड़ी बुआ को लिपस्टिक भा गई और माँ की फिर वही बिमारी...... "अरे,रख लो जीजी,, मुझे तो ये रंग बड़ा खराब रंग लगता है",....

इसके बाद दो दिनों तक मैंने माँ से बात नहीं की थी | पापा ने समझाया,.... "बेटा, तुम्हारी माँ ने कभी अपने लिए कुछ नहीं चाहा,, ऐसी ही है वो"....

चीकू की छुट्टियाँ खत्म होने वाली थी,, एक दो दिन में वापस जाना था | मैने अपने लिए कुछ साड़ियाँ ख़रीदीं,, जिनमें से "हरी बंधेज साड़ी माँ को बहुत पसंद आई,, बार बार उलट पलट कर देखती रही"....
मैने कहा..... "माँ, ये आप रख लीजिए, मैं दूसरी ले लूंगी"
माँ बोली..... "अरे नहीं, ये हरा रंग,, ना बाबा ना,, बहुत चटक है| इतना चटक रंग मुझे अच्छा नही लगता"...

सुबह मुझे निकलना था । सारी पैकिंग हो चुकी थी, मैं बहुत परेशान थी....
"क्या हुआ बेटा, क्या ढूंढ रही हो तब से..?".....माँ ने पूछा

"कुछ नहीं माँ, वो रसीद नहीं मिल रही और बिना रसीद साड़ी वापस होगी नहीं "......मैंने अपना पर्स खंगालते हुए कहा |

माँ.... "लेकिन साडी़ वापस क्यों करनी है ?? तुम तो सारी साड़ियाँ अपनी पसंद से लाई थी "
"हाँ माँ, लेकिन चीकू के पापा को हरी बँधेज वाली साडी़ बिल्कुल पसंद नहीं आई,, मैने फोटो भेजी थी | नाराज हो रहे थे, बोले... अच्छी नही,, तुरंत वापस करो "..... लेकिन बिना रसीद कैसे करूँ ?? मैं रुआंसी थी |
माँ बोली..... "वापस ही करनी है,, तो मैं रख लेती हूँ".... और माँ साड़ी लेकर अंदर चली गईं |

तभी देखा,,, दरवाज़े पर पापा खड़े मुस्कुरा रहे थे, मेरी चोरी पकड़ी गई थी | वो बोले.....
"लग गई माँ की बीमारी,, तुम्हें भी"....

पापा ने सिर पर हाथ फेरा, "सदा खुश रहो!"


ऐसी होती हैं माँये ☺☺☺☺☺