आप दरगाह जा सकते हैं। नमाज में खड़े हो सकते हैं। टोपी लगा सकते हैं। रोजा इफ्तार दावत में शामिल हो सकते हैं लेकिन वे आप की प्रार्थना में हाथ भी नहीं जोड़ सकते
उनका स्टैंड एकदम क्लियर है, अभी से नहीं बहुत पहले से बस हमारी ही समझ में नहीं आ रही है ये बात