Kamaljeet Jaswal's Album: Wall Photos

Photo 1,692 of 1,789 in Wall Photos

भगवा ब्रिगेड द्वारा स्वामी अग्निवेश पर हमला शर्मनाक कुकृत्य......
##############################
स्वामी अग्निवेश देश के जाने-माने सामाजिक चिंतक हैं।80 वर्षीय स्वामी अग्निवेश जी आर्यसमाजी सन्त हैं।ढोंग,पाखण्ड के प्रबल विरोधी स्वामी अग्निवेश एक कुशल वक्ता व तर्क द्वारा वैज्ञानिक बातों को कहने वाले पाखण्ड द्रोही बुद्धिजीवी है।स्वामी अग्निवेश जहां मंत्री रह चुके हैं वही वे लेक्चरर व लॉयर भी रह चुके हैं।
स्वामी अग्निवेश को आदिवासियों के बीच वैज्ञानिक बाते कह करके उन्हें भड़काने का आरोप लगाते हुए हिंदूवादियों ने झारखण्ड में17 जुलाई 2018 को हमला कर दिया है जिससे स्वामी जी को काफी चोटें आयी हैं।यह घटना शर्मनाक व कायराना है।इसकी जितनी निंदा की जाय वह कम है।
झारखण्ड के पकुड़ जिले में स्वामी अग्निवेश को कुछ दक्षिणपंथी लोगो ने एकाएक हमला कर बुरी तरह से मारापीटा है।यह घटना लोकतंत्र,संवैधानिक अधिकारों,वाणी की स्वतंत्रता पर हमला है।इस तरह की हरकतों से कुछ लोग समाज मे भय पैदा कर सामाजिक जागृति को रोकना चाहते हैं।
कोई भी विचार या विचारधारा बहस करके प्रतिस्थापित की या खत्म की जा सकती है।आज की तारीख में जबरन-बलात कोई विचार न थोपा जा सकता है और न स्वीकार ही करवाया जा सकता है।स्वामी अग्निवेश यदि कोई विचार दे रहे हैं तो उसका प्रत्युत्तर मार-पिटाई नही बल्कि समृद्ध विचारधारा है लेकिन विचारधारा से शून्य लोग खुद की पराजय स्वीकार करने की बजाय सामाजिक शांति खत्म करने की कोशिशों में सन्नद्ध हैं।
स्वामी अग्निवेश के साथ मारपीट की घटना हजारो वर्ष पूर्व से बहुजन समाज के साथ बरती जा रही असहिष्णुता का एक छोटा सा नमूना भर है।मनुवाद के पोषक लोगो को मनुवादी विचारो पर बहस कत्तई स्वीकार नही है तभी तो कभी स्वामी अग्निवेश तो कभी कलबुर्गी,पनसारे,गौरी लंकेश या दाभोलकर इनके निशाने पर होते हैं।खैर अब मनुवादियो द्वारा की जा रही बहशीपन की घटनाएं किसी दीपक के बुझने से पूर्व के भभक की निशानी हैं।किसी बुरी विचारधारा का अंत करने के लिए कुछ कुर्बानियां तो देनी ही पड़ती हैं,शायद ये घटनाएं मनुवाद के खात्मे के पूर्व की कुर्बानियां ही हों।
स्वामी अग्निवेश के साथ हुई घटना की जितनी भी निंदा की जाय वह कम है लेकिन ध्यान रहे जंग जारी रहेगा।