शर्मा, शर्मा,, पाठक, पाठक, त्रिवेदी, चतुर्वेदी, जोशी, जोशी ये है मिडिया.
हेडगेवार, गोलवलकर, देवरस, सुदर्शन, भागवत... ये है RSS..
इलेक्ट्रोनिक मिडिया और RSS संगठनो के नेतृत्व की वास्तविकता...
इलेक्ट्रोनिक मिडिया में सोसल मिडिया छोड़कर जातिवादी एकाधिकार..
पढेलिखे ओबीसी को गुमराह करने में RSS - मिडिया का कितना रोल ?
RSS - प्रिंटिंग मिडिया या इलेक्ट्रोनिक मिडिया ने कभी पढेलिखे ओबीसी को जगाया ?
प्रेस मिडिया पर अपर कास्ट जातियों का एकाधिकार है. दि. 31 अगस्त को गुजराती दैनिक ' दिव्य भास्कर ' के पेज - 4 पर 'आसपास ' कोलम में गुजरात के ख्यातनाम कोलमनिस्ट कांति भट्ट ने लिखा था. -
" प्रफुल्ल बिद्वाई का एक सर्वेक्षण में फिर से प्रस्तुत करता हु. दिल्ही में 300 पत्रकार है. जिस में सिर्फ 3 OBC यानि कि पिछड़े वर्ग के पत्रकार थे. एससी - एसटी वर्ग का एक भी पत्रकार नहीं था. बाकि सभी वैश्य, कायस्थ और ब्राह्मण थे."
ब्राह्मण - वैश्य और कायस्थ की आबादी सिर्फ 5.88% होते हुवे भी 297 यानि कि 99% पत्रकारों थे.
भारत में मिडिया लाकतंत्र का चौथा स्तंभ या जातितंत्र का प्रथम स्तंभ ?
भारत में प्रिंटिंग मिडिया के मालिक, संपादक और मान्यता प्राप्त पत्रकारों में ओबीसी, एससी और एसटी की सामाजिक हिस्सेदारी है क्या ?