आज मेरे एक दोस्त ने मुझसे कहा हम हिंदुओं को एक हो कर मोदी जी को जीताना चाहिए और भी बहुत सारे विषयों पर मेरी उनसे बहस हुई , हमने उनसे कुछ नहीं बोला लेकिन जब उन्होंने "हिंदू" के नाम पर एकजुट होने का नाम लिया तो हमने उनसे पूछ ही लिया कि मित्र आखिर हिंदू कौन है ???*
*हिंदुओं को SC से समस्या है !*
*हिंदुओं को ST से समस्या है !*
*हिंदुओं को OBC से समस्या है !*
*हिंदुओं को सिखो से समस्या है !*
*हिंदुओं को मुसलमानों से समस्या है !*
*हिंदुओं को ईसाईयों से समस्या है!*
*हिंदुओं को महिलाओं से समस्या है !*
*हिंदुओं को लिंगायत से समस्या है !*
*हिंदुओं को गुर्जर, जाट, पटेल आरक्षण से समस्या है !*
*हिंदुओं को आरक्षण से ही समस्या है !*
*आखिर यह ""हिंदू"" हैं कौन जिन्हें भारतीय संविधान से भी समस्या है !*
*मेरे दोस्त यह हिंदू है कौन जिन्हें भारत के दलितों से इतनी समस्याएं है !*
यदि इसके बावजूद भी यदि एक होना जरूरी है तो ये बताइये की जब ऐसी घटनाएं देश मे समाज मे होती है तब हिन्दू एक क्यों नहीं होते? और ये रोकने, टोकने, पीटने वाले क्या हिन्दू नहीं है? क्यों केवल जनसंख्या बढ़ाने, वोट देने के लिए इन्हें हिन्दू बताते हो? रोटी बेटी की बात पर तुम तिलमिला जाते हो, समानता की बात पर तुम अतार्किक आरक्षण की बात लाते हो और हम मन्दिर की बात करें तो तुम संस्कार गिनाते हो तो सुनो मेरे भाई हमें कहीं जाने का शौक नहीं अब बस हम तो तुम्हारी फितरत जानना चाहते हैं कि आखिर तुम्हारे लिए ""हिंदू"" हैं कौन ?*