तीन दिन के अंदर दलितों के खिलाफ घटी व रिपोर्ट दर्ज हुई घटनाए निम्न है;
1.उत्तराखंड में कुर्सी पर बैठकर खाना खाने की वजह से दलित को मार दिया गया.
2.अलवर में दलित द्म्पंती को रास्ते में पकडकर, महिला के साथ गैंगरेप किया गया, विडिओ बनाकर वायरल किया.
3.मध्य प्रदेश के छतरपुर में सजी हुई कार में दलित का दूल्हा बनकर जाने पर दुल्हे को बुरी तरह पिट दिया गया.
इन तीनो में;
दो घटना कोंग्रेस के राज वाले राज्य की है.
एक घटना भाजपा के राज वाले राज्य की है.
इन घटनाओ पर;
1.कोंग्रेस चुप है.
2.भाजपा चुप है.
3.महिला आयोग गायब है.
4.स्वय घोषित सभ्य समाज गायब है.
5.केंडल धारी प्रदर्शनकारीओ की केंडल दलित नाम सुनकर जल नही रही है, इसलिए इण्डिया गेट नही जा पाए.
6.महिलाओ के नाम से बने सन्गठन "दलित महिला" सुनकर गायब है.
7.विभिन्न दलितों के नाम से बने सन्गठन तक गायब है.
8.एससी आयोग ने केवल उत्तराखंड मामले में संज्ञान लिया है.
और इससे भी आगे;
"अलवर की घटना सबसे निंदनीय है. राजस्थान में कोंग्रेस के प्रचार के लिए राजस्थान के कुछ युवको को लेकर बनाई गईं "टीम राजस्थान" को लेकर जिग्नेश मेवानी हर शहर में जा रहे थे, अलवर की घटना में ट्विटर से आन्दोलन की धमकी दी और आन्दोलन के लिए गुजरात से निकले, लेकिन पहुच गये नई दिल्ली, वो भी आम आदमी के प्रत्याशी आतिशी का प्रचार करने के लिए, अब राजस्थान के कुछ मित्र उनमे भविष्य का दलितों का नेता देख रहे है "