तुम कहते हो कि हम महिलाओं के विरोधी नहीं हैं, हमने महिलाओं को देवी करके माना है....
हम कहते हैं कि तुम महिलाओं के ही नहीं मानवता के हत्यारे हो....
तुमने "**प्रथा" के नाम पर बेकसूर महिलाओं को जिंदा जलाया है.......
तुम बच्चों के भी हत्यारे हो, "बलिप्रथा" के नाम पर तुमने करोड़ों बच्चों का बेरहमी से कत्ल किया है......
तुम कहते हो कि हम प्रकृतिपूजक हैं.....
हम कहते हैं कि तुम प्रकृति को जलाने वाले हो......
यह प्रकृति तुम्हें जीवन देती है, जीवन को संभव बनाने वाली दशाएँ उपलब्ध कराती है.....
तुम्हारे मर जाने के बाद प्रकृति ख़ुद को स्वस्थ बनाने के लिए तुमसे तुम्हारा मरा हुआ शरीर माँगती है..….
तुम वह भी उसे नहीं देते हो..........
तुम इस दुनिया से खत्म होते समय भी प्रकृति को जलाकर ख़त्म हो जाते हो.......
तुम प्रकृति के दोस्त नहीं प्रकृति के दुश्मन हो.....
तुम इंसान नहीं, इंसानियत के दुश्मन हो........