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संविधान के अनुच्छेद 330///342 के अनुसार भारत के Sc,St,Obc हिन्दू नहीं है यह भारत के मुलनिवासी है।

भारत के संविधान में अनुच्छेद 340 ,341,343 और 25 से 30 यह अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाती एवम् धर्मपरिवर्तित अल्पसंख्यक
वर्ग के लिए लिखे गए है।

जब हम जाति प्रमाणपत्र बनाने के लिए तहसीलदार या जिला अधिकारी के पास जाते है, तो वह हमें लिखित में प्रमाणपत्र देता है कि, आप किस जाति के है और कहां के मूलनिवासी है।

ब्राह्मणों के लिए ऐसा कोई प्रमाण पत्र जारी नहीं होता है और न ही बाबा साहब ने कोई ऐसा संविधान में व्यवस्था की, क्योंकि बाबा साहब जानते थे कि, ब्राम्हण यह विदेशी यूरेशियन लोग है तो विदेशियों को प्रमाण पत्र देने की कोई जरूरत नहीं है।

राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले ने भी कहा है कि, शुद्र और अतिशूद्र भारत के मूलनिवासी है, इसके प्रमाण आपको उनके साहित्य गुलामगिरी और किसान का कोड़ा में मिल जायेगा।

यही नहीं, हरियाणा में कक्षा 8 की इतिहास किताब में भी दिया है कि कौन भारत का मूलनिवासी है और कौन विदेशी है।
भारत सरकार की मैगज़ीन निकालती है नाम है- संस्कृति।

इसमें लिखा है कि, ऋग्वेद में जिन्हें दास, दस्यु, दानव, असुर या राक्षस कहा गया है, वही भारत के मूलनिवासी है।
UNO ने 9 अगस्त को मूलनिवासी दिवस (Indigenous day) घोषित किया है।

UNO के अनुसार,
कोई भी विदेशी दूसरे देश पर राज नहीं कर सकता है।
आर्किटेक्ट होम इन वेदाज में बाल गंगाधर तिलक ने, डिस्कवरी ऑफ़ इण्डिया किताब में जवाहर लाल नेहरू ने और बेंच ऑफ़ थॉटस में गुरु गोलवरकर ने यह सिद्ध किया है कि, बहुजन समाज ( Sc,St,Obc ) लोग भारत के मूलनिवासी है और ब्राह्मण विदेशी है।

विज्ञान को तो कोई नकार ही नहीं सकता है। अमेरिका 21 मई 2001 को डीएनए की रिपोर्ट Times of India News में छपी और यह रिपोर्ट बताती है कौन है भारत का मूलनिवासी और कौन विदेशी।

अंत में व्यवहार का आधार= यदि ब्राह्मण भी भारत के होते तो वह कभी भी भारत के लोगो को अधिकार वंचित नहीं करते, मान लो थोड़े कम अधिकार देते, लेकिन जानवर से बदतर तो नहीं हालात बनाते भारत के मूलनिवासियों का।।

तभी आज विदेशी ब्राह्मण हर क्षेत्र में 80% नाजायज कब्जा जमाए हुए है ब्राह्मणों से नाजायज तरिके से कब्जा जमाए बैठे ब्राह्मणों को हटाना है जिसकी जितनी जनसंख्या उसकी उतनी हिस्सेदारी।

अगर यह ब्राह्मण भारत के होते तो Sc,St,Obc के साथ भेदभाव नहीं करते।। ब्राह्मणों को सता में रहने का कोई अधिकार नहीं है यह विदेशी है।

ब्राह्मण विदेशी है तभी तो भारत का पैसा लूटकर विदेशों में भाग रहे है। 2000 से 2014 तक 61000 हजार ब्राह्मण देश का पैसा लूटकर विदेशों में शिफ्ट हो गए।
भारत से रोजाना 12 करोडपति विदेश में बसने के लिए निकल रहें है।

इनको पता है एक न एक दिन तो अंग्रेजों की तरह हम भी इस देश से भगा दिए जाएंगे यूरेशिया में ।।

यह लड़ाई है.... केवल लड़ने वाले योद्धाओं को और दुश्मन को ही समझ में आएगी।
सामन्य या ब्राह्मणों के चमचो को समझ में आने वाला नहीं है।
जय मूलनिवासी।।