RSS, और, हिन्दू महासभा ब्रिटिश शासन के स्पोंसर्ड NGO थे. जिस का प्रमुख कार्य आजादी के आन्दोलन का विरोध करना और भारतवासियों की राष्ट्रिय एकता धर्म और कौम के नाम से तार तार करते रहना था.
1947 तक उन्हों ने ब्रिटिश शासन का समर्थन किया और देश को विभाजित करने में सफल रहे थे.
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1942 के भारत छोड़ो आंदोलन का श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने जमकर विरोध किया यहां तक बंगाल के गवर्नर जाॅन हरबर्ट को 26 जुलाई 1942 को एक पत्र लिखा और उसमें गांधी और कांग्रेस के भारत छोड़ो आंदोलन का विरोध करते हुए उसे विफल बनाने के लिए भरपूर सहयोग देने का वादा भी किया था।
उन्होंने अपने पत्र में साफ लिखा था कि आपके मंत्री होने के नाते हम भारत छोड़ों आंदोलन को विफल करने के लिए पूरा सक्रिय सहयोग करेंगे।
एक प्रश्न बार बार उठता है कि RSS के कट्टर ब्राह्मण नेताओ या ब्राह्मण स्वयंसेवकों 1947 तक ब्रिटिश सत्ता के समर्थक रहे और देश के आजादी के आन्दोलन के विरोधी रहे थे, फिर RSS राष्ट्रवादी कैसे और हिन्दूवादी कैसे ?
क्या किसी विदेशी शासन का गुलाम रहना, गुलामी सहना और गुलामी का समर्थक बना रहेना राष्ट्रवाद या हिन्दुवाद है ?
संघ द्वारा प्रकाशित 1950 तक के साहित्य प्रकाशन में स्वतंत्रता आंदोलन में संघ की भूमिका का परिक्षण किया गया है. आजादी के आंदोलन के महत्वपूर्ण प्रकरणों की जाँच करने से जो पत्ता चला है उसके निष्कर्ष निम्न सूचि में देखा जा सकता है.
क्रम - - - - - - - परिक्षण - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - निष्कर्ष
01. अंग्रेजी शासन की आलोचना के सन्दर्भ - - - - - - - - - - - - - - एक भी नहीं.
02. अंग्रेज -और ब्रिटीश शासन के गुण गान करते संदर्भो - - - - - - - - - - - - 16
03. अंग्रेजी शासन विरुध वन्देमातरम गाने का आह्वान करते संदर्भो - एक भी नहीं
04. भारत के मायनोरीटी पर प्रहार करते और निंदा करते संदर्भो - - - - - - - 74
05. स्वातंत्र्य आंदोलन की आलोचना करते संदर्भो - - - - - - - - - - - - - - - 16
06. स्वातंत्र्य आंदोलन का समर्थन करते संदर्भो - - - - - - - - - - - - एक भी - नहीं
07. ब्रिटीश शासन को भारत छोड़ने के ललकार करते संदर्भो - --- - - - एक भी नहीं
08. स्वातंत्र्य आंदोलन में सीमाचिह्नरूप काकोरी केस, जलियावाला बाग नरसंहार, गद्दर आंदोलन इत्यादि के उल्लेख करते संदर्भो. - - - - - - - - - एक भी नहीं
09. ब्रिटीशशासन के दमन विरुध शहीदों की प्रशंसा करते संदर्भो - - - - - एक भी नहीं