मेरे लिए टाटा बिरला पैदा करना बाएं हाथ का खेल है!! - #मान्यवर_साहब_कांशीरामजी
"अगर मेरे समाज का हर शख़्स महीने में एक व्रत रखकर मुझे 10 रुपए दे तो मैं हर महीने एक टाटा बिरला पैदा कर दूंगा।" -- #मान्यवर_साहब_कांशीरामजी
एक बार एक पत्रकार ने जब #मान्यवर_साहब_कांशीरामजी को ये सवाल किया कि पार्टियां चलानी और चुनाव लड़ना बहुत ही ज़्यादा मुश्किल काम है। क्यों कि ना तो आप की पार्टी में कोई भी टाटा बिरला है जो पैसे से आपकी मदद करे और ना ही कोई साधन जिसके साथ आप आगे बढ़ सकें।
#मान्यवर_साहब_कांशीरामजी का पत्रकार को बड़ा दलील पूर्ण जवाब था कि,
● "मैं सीमित साधनों के साथ आगे बढ़ने में माहिर हूँ।
● दूसरा सबसे पहले साईकल मैंने ही चलाया था तांकि वर्करों में ये संदेश ना जाए कि
कांशीराम खुद गाड़ियों और जहाजों में घूमता है और हमें साईकल पर घूमने को कहता है।
● तीसरा इस वक्त मेरे समाज की आबादी 80 करोड़ से भी ऊपर हो चुकी है।
अगर मेरे समाज का हर व्यक्ति महीने में एक बार व्रत रखकर(बुरे से बुरा खाना जिसकी कीमित महज 10 रुपये हो) वही 10 रुपये मुझे दे तो मेरे पास 800 करोड़ रुपया जमा हो जाएगा, जिससे मैं एक महीने में एक टाटा बिरला पैदा कर सकता हूँ।
और अगर 12 महीने में 12 वार व्रत रखें तो मैं 1 साल में 12 टाटा बिरला पैदा कर दूंगा। मेरे लिए टाटा बिरला पैदा करना बाएं हाथ का खेल है,
#बशर्ते_की_मेरा_समाज_इकठा_हो_जाए।
वैसे भी व्रत रखने से किसी के प्राण थोड़ा निकल जाते हैं,बल्कि पेट का सिस्टम सही हो जाता है।"