भूत प्रेत, टोनाटोटका व झाड़फूंक की दुकान चलाने वाले ठग तांत्रिकों के निशाने पर ज्यादातर औरतें ही रही हैं, क्योंकि उन को तमाम ऐसी अंदरूनी व दिमागी बीमारियां होती हैं, जिन को ठग तांत्रिक ऊपरी साया बता कर आसानी से बेवकूफ बना देते हैं। इन पाखंडी तांत्रिकों के जाल में फंस कर औरतें न केवल खुद की सेहत के साथ खिलवाड़ करती हैं, बल्कि अपना पैसा, समय और इज्जत भी गंवा बैठती हैं। कभीकभी ऐसी औरतों के साथ अश्लील वीडियो बना कर शातिर तांत्रिक उन्हें ब्लैकमेल भी करते हैं।
झाड़फूंक के नाम पर बाबाओं के पास जाने वाली औरतें ही होती हैं, एक तो महिलाएं ज्यादा धार्मिक होती है जिस कारण वे आस्था और पाखण्ड में आसानी से फर्क नहीं कर पाती है दूसरा गली-मोहल्ले के कथा-जागरण से लेकिन रिश्तेदारों के तमाम धार्मिक अनुष्ठानों एवं गली-कुच के मन्दिरों की छोटे भजन कीर्तन तक में शामिल होती है। जिससे उनमें मन मे धर्म और आस्था अत्यधिक घर कर जाती है। एक पुरुष की अपेक्षा में एक महिला ज्यादा कट्टर भी होती है क्योंकि उसे हर व्रत, हर विधि, हर रीति का एक्सट्रा ही ज्ञान होता है।
चाहर दिवारी में रहने के कारण के कारण आसपास की महिलाओं की संगति और देखा देखी उन्हें इस दिशा में जाने को मजबूर करती है। यदि कोई महिला केवल धर्म पर आस्था रखती है मगर कोई व्रत त्योहार आदि नहीं करती है तो मोहल्ले की बाकि महिलाएं ही उसे ताने सुनाना शुरू कर देती है। शुरुआत में सब सामान्य होता है लेकिन धीरे धीरे पारिवारिक कलह, व्यक्तिगत सम्बन्ध, शारारिक कमजोरियां, गरीबी, निसंतान, औलाद का रूखापन, भूत प्रेत, किया कराया या फिर सास-बहू के झगड़े या सौतन का साया आदि उन्हें अधिक सोचने पर मजबूर कर देती है। क्योंकि वे आसान और गुप्त तरीके से समाधान चाहती है और यही तरीका उनके लिए मुसीबत बन जाता है।
महिलाओं के मन में बचपन से ही यह भर दिया जाता है कि इन की हर समस्या की वजह ऊपरी साया व टोना टोटका ही है। या फिर धर्म कर्म में इसका समाधान होता है। ऐसे में ये कई ढोंगी तांत्रिकों की जकड़ में आ जाती है। उनके द्वारा खास तरह की पूजा का ढोंग किया जाता है। इस दौरान ये बाबा औरतों की इज्जत लूटने में कोई गुरेज नहीं करते हैं। कुछ ढोंगी इतने खतरनाक होते हैं जो काला जादू या तंत्र मंत्र में बहुत माहिर होते हैं वे सबकुछ हो जाने के बाद भी याददाश्त ही समाप्त कर जाते हैं मानो कुछ हुआ ही न हो।
ढोंगी बाबाओं द्वारा इज्जत के साथ खिलवाड़ किए जाने के मामलों में औरतें इसलिए भी विरोध नहीं कर पाती हैं, क्योंकि उन्हें यह भरोसा होता है कि हो सकता है ऐसे करने से ही उन की गोद भर जाए। कुछ लोकलाज के भय से सामने नहीं आ पाती है और ब्लैकमेल का शिकार हो जाती है। और ऐसा नहीं कि यह समस्या केवल औरतों की ही है या ये औरतें या ढोंगी बाबा केवल किसी धर्म विशेष तक ही सीमित है बल्कि हर धर्म मे हर जगह मौजूद है।
इन ढोंगी बाबाओं को भी इन्फैक्शन व एड्स जैसी बीमारियां लग जाती हैं, जो औरतों में भी आ जाती हैं। चूंकि अब झाड़फूंक के नाम पर पाखंडी तांत्रिकों द्वारा औरतों के कई मामले सामने आ रहे हैं, ऐसे में मर्द अपने घर की औरतों को उन के पास ले जाने में कतराने लगे हैं। औरतों की तादाद में आई कमी को देखते हुए बाबा भी अपने इस धंधे को चलाने के लिए दूसरा जरीया ढूंढ़ने लगे हैं। वे औरतों को विश्वास में लेने के लिए अपने घर की औरतों या चेलियों को आगे कर उन्हें बड़ा तांत्रिक साबित कर रहे हैं, ताकि धंधा चलता रहे।
औरत तांत्रिकों की तादाद व उन की कमाई में इजाफे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि देश के नामीगिरामी टैलीविजन चैनलों, अखबारों व पत्रपत्रिकाओं में महंगेमहंगे इश्तिहार छपवा कर बड़ी से बड़ी समस्याओं के समाधान का दावा किया जा रहा है जबकि उनके दावे की सच्चाई को उजागर करने के लिए न कोई कानून है और न कोई सरकारें इस तरफ कभी ध्यान देती है। औरत तांत्रिकों द्वारा पीडि़त औरतों को आसानी से झांसे में ले लिया जाता है, क्योंकि ये तांत्रिक उन से जुड़ी अंदरूनी व घरेलू समस्याओं को आसानी से समझती हैं. यहां तक कि हमबिस्तरी की बातों को भी उगलवाने में वे कामयाब होती हैं. इस के बाद झाड़फूंक के नाम पर पीडि़त औरतों का जिस्मानी, माली व दिमागी शोषण शुरू हो जाता है।
झाड़फूंक के नाम पर ठगी की दुकान चलाने वाली औरत तांत्रिकों के पीछे शातिर किस्म के मर्दों का हाथ होता है। ऐसे में जब कोई पीडि़त औरत पेट से न होने की समस्या ले कर इन तांत्रिकों के पास पहुंचती है, तो ये उन के ऊपर दुष्ट आत्मा का साया बता कर उसे नष्ट करने के लिए विशेष पूजा, अनुष्ठान वगैरह कराने की सलाह देती हैं। अंधविश्वास में जकड़ी औरतें बच्चा पाने की चाह में इन तांत्रिकों पर आसानी से आंखें मूंद कर विश्वास कर लेती हैं उनका मानना होता है कि फायदा न होगा तो क्या इसको आजमाने में नुकसान भी तो नहीं और फिर तय समय पर ये तांत्रिक अकेले में अनुष्ठान के नाम पर उन्हें बुलाते है या फिर अपने पैंतरे का इस्तेमाल करते हैं।
पेट से होने के लालच में औरत के परिवार वाले भी उसे पूजा के नाम पर अकेला छोड़ देते हैं। इस की वजह यह भी होती है कि झाड़फूंक करने वाली एक औरत होती है, जिस से इज्जत लुटने का खतरा नहीं हो सकता, लेकिन ये औरत तांत्रिक ऐसे अनुष्ठान उन कमरों में करती हैं, जहां घुप अंधेरा होता है या फिर जहां पूर्ण व्यवस्था होती है। झाड़फूंक के दौरान पीडि़ता को नशीली दवा मिला कर प्रसाद दे दिया जाता है, जिस से वह अपनी सुधबुध खो बैठती है. इस के बाद हवस के भूखे औरत तांत्रिक के गुरु व परिवार के मर्द उस की इज्जत लूट लेते हैं।
अगर इज्जत लूटने वाले के स्पर्म में बच्चा पैदा करने की कूवत होती है, तो वह पीडि़ता पेट से भी हो जाती है. चूंकि झाड़फूंक के दौरान वह अपने होश में नहीं होती है, ऐसे में उसे यह नहीं पता चल पाता कि उस के पेट से होने का राज क्या है और वह तांत्रिक की चमत्कारी शक्तियों का असर मान कर उस की मुरीद बन बैठती है। कभी कभार अगर बाबाओं द्वारा इज्जत से खिलवाड़ के मामले में पीडि़ता होश में आ भी जाती है, तो वह इस वजह से खुल कर विरोध नहीं कर पाती कि हो सकता है कि उसे बाबा की वजह से ही बच्चे का सुख मिल जाए और उसे बांझपन के ताने से नजात मिल जाए।
झाड़फूंक से होने वाली मोटी कमाई का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि औरत तांत्रिकों के बड़ेबड़े इश्तिहार टैलीविजन चैनलों, अखबारों व पत्रपत्रिकाओं में दिखाए व छापे जाते हैं, जिस के लिए औरत तांत्रिकों द्वारा भारीभरकम रकम का भुगतान किया जाता है, जो झाड़फूंक के दौरान कई गुना के रूप में वापस आ जाती है। देश की नामीगिरामी पत्रिका में छपे एक औरत तांत्रिक के इश्तिहार का मजमून इस तरह था: ‘फ्री… फ्री… फ्री…’ समस्या कैसी भी हो, जड़ से खत्म. 5 घंटे में समस्या का समाधान. सौ फीसदी गारंटी. गुरु मां गायत्री देवी घर बैठे गारंटी समाधान।
एक औरत ही औरत का दुख समझती है। कृपया दुखी माताएं व बहनें ही फोन करें। धोखा नहीं पक्का वादा। मैं कहती नहीं कर के दिखाती हूं केवल एक फोन ही आप के जीवन की दिशा व दशा बदल सकता है, ब्लैक मैजिक व ब्लैकमेलिंग से परेशान अवश्य फोन करें। लव मैरिज, कारोबार, विदेश में रिश्ता करवाना, सौतन दुश्मन से छुटकारा, जिस को चाहोगे तुरंत वश में कर के दूंगी, काम नहीं होने पर पैसा वापस। यदि आपका पति, प्रेमी, बेटा किसी के वश में हो, प्यार में धोखा, निराश प्रेमी प्रेमिका, एक बार अवश्य फोन करें, लाटरी, सट्टा नंबर हासिल करें. स्थायी पता xxxx, मोबाइल नंबर 098xxxx×××.दुख की बात है कि इस तरह के इश्तिहारों में लोग फंस कर लुटने को तैयार बैठे होते हैं।
इन औरत तांत्रिकों के पास पढ़ेलिखे व अनपढ़ लोग समान रूप से ठगी का शिकार बनते हैं क्योंकि इन के मन में बचपन से ही भूतप्रेत व ऊपरी साए के प्रति इस तरह का डर बिठा दिया जाता है, जिसे वे मन से नहीं निकाल पाते हैं। इस तरह का एक उदाहरण गोंडा व बस्ती जिले की सीमा से लगने वाले मेहदिया ढडौवा गांव में देखने को मिला, जहां दिल्ली से 8 सौ किलोमीटर की दूरी तय कर बीएड पास एक औरत ‘बड़की माई’ नाम से विख्यात किस्मती देवी नाम की अनपढ़ औरत तांत्रिक के पास झाड़फूंक कराने आई थी। इस औरत की समस्या यह थी कि इसे शादी के 6 साल बाद भी बच्चे नहीं पैदा हो रहे थे. अंधविश्वास की शिकार इस औरत को विश्वास था कि यहां आने से उस की यह मुराद पूरी होगी।
यहां हर सोमवार व शुक्रवार को झाड़फूंक कराने के लिए ऐसे तमाम लोग आते हैं, जो पढ़ेलिखे होते हैं, लेकिन अपनी आंखों पर चढ़े अंधविश्वास के चश्मे के चलते ठगी का शिकार होते हैं। यहां एक दिन में तकरीबन 50 हजार लोगों की भीड़ इकट्ठा होती है. ऐसे में अगर हर पीडि़ता से 10 रुपए की औसत कमाई को देखा जाए, तो भी यह हफ्ते के 2 दिनों को मिला कर 10 लाख रुपए आसानी से इकट्ठा कर लेती है। इसी तरह की झाड़फूंक की दुकान चलाने वाली बडगो गांव की पिछड़े तबके की एक अनपढ़ औरत काली माई के नाम पर झाड़फूंक का धंधा चलाती है, जहां रोजाना हजारों की तादाद में लोग बेवकूफ बनने चले आते हैं। इत्तेफाक से किसी का काम हो जाता है तो उनका प्रचार भी दोगुना हो जाता है।
भूतपे्रत, तंत्रमंत्र व ऊपरी साया महज कोरी कल्पना है। इस की वजह न तो कभी थी और न है, बल्कि सदियों से पोंगापंथ की दुकान चलाने वाले लोगों ने जनता के मन में इस तरह का वहम बिठा कर उन्हें लूटने का जरीया बनाया है। बचपन में भूतप्रेतों की कहानियां, डरावनी फिल्में देखसुन कर लोग मन में यह वहम पाल बैठते हैं कि हमारे आसपास भी बुरी आत्माएं मौजूद होती हैं, जिन की जद में हम कभी न कभी आ ही जाते हैं, लेकिन यह मन का वहम होता है, क्योंकि बुरी आत्माओं व तंत्रमंत्र का वजूद है ही नहीं बस कुछ कैमिकल खिलाकर, सुंघाकर या फिर काला जादू के नाम पर कुछ धुंए आदि से इंसान को बेसुध किया जाता है।
कैटाटोनिया व साइकोसिस जैसी बीमारियों के चलते औरतें अजीबोगरीब हरकतें करना शुरू कर देती हैं, जिसे घर के लोग आत्माओं का साया मान बैठते हैं। वहीं गर्भाशय में गांठ होना, प्रजनन अंगों में संक्रमण वगैरह के चलते पेट से न होने की समस्या जन्म लेती है, जिसे पाखंडी तांत्रिक भूतप्रेत का साया साबित कर देते हैं। झाड़फूंक करने वाला चाहे औरत हो या मर्द दोनों ही जुर्म में बराबर के भागीदार होते हैं. ऐसे में लोगों को भूतप्रेत व झाड़फूंक के नाम पर उन का शोषण करना और कभीकभी समस्या के समाधान के लिए तांत्रिकों द्वारा नरबलि के लिए उकसावा देना अपराध की श्रेणी में आता है।
इन बाबाओं पर धोखाधड़ी, छलप्रपंच, हत्या या हत्या की कोशिश आदि धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर इन्हें जेल भेज देना चाहिए, जिस से अंधविश्वास को फैलने से रोका जा सके। जबकि सभी को चाहिए कि इन बाबाओं से दूरी बनाएं बेहतर है कि किसी भी समस्या के लिए आप डॉक्टर के पास जाएं। कोई व्यक्तिगत समस्याएं हों तो आपस मे मिल बैठकर बात करें और उसका समाधान निकाले। हर क्रियानके पीछे केवल वैज्ञानिक कारण होते हैं उन कारणों को जानने और समझने की कोशिश करें। आपकी सतर्कता ही हर समस्या का समाधान है।
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