दक्षिण के चोल राजाओं की बौद्ध कलाकृतियों से इतिहासकार अमूमन परिचित नहीं कराते, जबकि चोल कालीन अनेक बौद्ध कलाकृतियाँ स्वतंत्रता के बाद हमें मिल चुकी हैं।
एक तमिल किसान टी. रामालिंगम को अपने खेत में घर बनाने के लिए नींव खुदाते समय बौद्ध कलाकृतियों का बड़ा खजाना मिला है।
42 कांस्य बौद्ध कलाकृतियाँ, 3 पत्थर और संगमरमर की बौद्ध कलाकृतियाँ मिली हैं। सभी चोल कालीन हैं और चेन्नई म्यूजियम में रखी गई हैं।
यह बौद्ध खजाना तमिलनाडु के तिरुवरुर जिले के सेलुर से मिला है।
पहली बुद्ध की मूर्ति और दूसरी कलाकृति स्तूप है। पैर लटकाए बैठे बुद्ध की यह मूर्ति अनुपम है।