दिल्ली की सड़कों पर असल जिंदगी का 'पीके' हाथ में गिटार लिए लोगों से भगवान के खिलाफ अपील कर रहा है...
'भाई साहब, कोई भगवान नहीं है, कोई अल्लाह नहीं है, कोई गॉड या दूसरा खुदा भी नहीं है, आपको बेवकूफ बनाया जा रहा है।' दिल्ली की सड़कों पर ऐसा कहता कोई शख्स आपसे भी टकरा जाए तो हैरान नहीं होना। यह दिल्ली का 'पीके' है जो गिटार लेकर भगवान के खिलाफ अभियान चलाने सड़कों पर निकला है।
'गिटार अंकल गुरु' के नाम की पट्टी गले में डाले इस शख्स का नाम सुशील आहूजा है। कथित तौर पर बढ़ती असहिष्णुता और धार्मिक विद्वेष के विरोध में कमीज उतारकर प्रदर्शन कर रहे सुशील राह चलते लोगों को रोक लेते हैं और अपील करते हैं कि वे वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास करें और धर्म या भगवान के नाम पर बहकावे में न आएं। नास्तिकता के पक्ष में खुलकर प्रचार करने के खतरे के बारे में सुशील कहते हैं, 'मानव कल्याण के लिए खतरे उठाने ही पड़ते हैं।' उनकी शिकायत है कि नेता या सरकारें वोट बैंक के डर से भगवान या अंधविश्वास के खिलाफ बोलने से डरते हैं।
'गिटार अंकल' संविधान के अनुच्छेद 51 ए का जिक्र भी करते हैं जिसमें 'वैज्ञानिक दृष्टिकोण के विकास' की बात कही गई है। उनका मानना है कि भगवान व्यापारियों और राजनेताओं की जरूरत है, इसलिए जानबूझकर लोगों के दिमाग में इसे जिंदा रखा जा रहा है। दिल्ली का यह 'पीके' इस बात को लेकर चिंतित है कि न केवल अशिक्षित, बल्कि शिक्षित लोग भी अंधविश्वास के खिलाफ जाने की हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं।