प्रमोद कुमावत Pramod kumawat's Album: Wall Photos

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दूसरों पर दया करो

महान् पुरुषों के पास पैसा नहीं होता और न वे उसकी इच्छा करते हैं, क्योंकि दया से लबालब भरा हुआ हृदय उनके पास कुबेर के भंडार की तरह मौजूद रहता है। कहते हैं कि इस दुनिया में गरीब का कोई ठिकाना नहीं। निश्चय समझो, परलोक में उनका कोई ठिकाना न होगा, जिनके मन में दया नहीं है। दरिद्र मनुष्य एक दिन संपन्न हो सकता है, परंतु वह भिखमंगा इसी तरह दर-दर पर दुत्कार खाता फिरेगा, जिसका हृदय दया से रहित है। सत्य को कौन प्राप्त करेगा?

ईश्वर के दर्शन कौन करेगा? वह, जिसके हृदय में दया है। निर्दयी मनुष्य तो अपाहिज हैं, वे अपनी बगल में रखे हुए उत्तमोत्तम पदार्थों को भी न ले सकेंगे। अरे ओ निर्दयी मनुष्यों, ठहरो! दूसरों को सताने से पहले जरा सोचो तो सही कि जब इसी तरह तुम भी सताए जाओगे तब तुम्हारी क्या दशा होगी! दया का परित्याग करके क्रूरता और पाप के पथ पर आरूढ़ क्यों होते हो? क्या तुम इतना भी नहीं जानते कि इन दुष्ट कर्मों का फल तुम्हें जन्म-जन्मांतरों तक घुट-घुट कर भुगतना पड़ेगा? धरती माता साक्षी हैं कि नारकीय यंत्रणाएँ पापियों के लिए ही हैं, दयालुओं के लिए नहीं।

जिनके हृदय में दया है, वे अंधकार में न भटकेंगे। इसलिए ऐ आँख वाले! देखो और अपने मन में दया को स्थान दो। दूसरों के साथ दयालुता का व्यवहार करो।