सुनील राजपूत -fit.coach's Album: Wall Photos

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कथानक व्याकरण समझे, तो सुरभित छंद हो जाए।
हमारे देश में फिर से सुखद मकरंद हो जाए।।

मेरे ईश्वर, मेरे दाता ये 'कविता' मांगती तुझसे।
युवा पीढ़ी संभल करके विवेकानंद हो जाए।।

विवेक और आनंद की समस्त सीमायें लांघ कर खुद अपनी इन्द्रियों का स्वामी हो जाना ही स्वामी विवेकानंद होना है।

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