सन 1940 में अगर लाहौर या कराँची में रहने वाले किसी पंजाबी या हिंदू को बताया गया होता की 7 साल के भीतर वो अपना परिवार, संपत्ति, जमीन, इज्जत, बहन-बेटी की आबरु यानी सबकुछ खोने जा रहा है, अपने ही देश में रिफ्यूजी होने जा रहा है तो वह खूब हँसता, मजाक उड़ाता...
सन 1960 में किसी कश्मीरी पंडीत को यह बताया जाता कि कुछ एक दशक में उसका सबकुछ लुटने वाला है तो वह खुब मजे लेकर सुनता और अपने मुस्लिम मित्रों के साथ मिलकर इस भविष्यवानी करने वाले का मजाक उड़ाता, है कि नहीं.??
अगर मैं आपसे कहूँ कि अगले 25-30 सालों में यही सब
हमलोगों के साथ भी होने वाला है तो आप सभी भी उसी लाहौरी पंजाबी-हिंदू और कश्मिरी पंडीत की तरह मेरा मजाक बनाएंगे, हँसेंगे.. है कि नहीं.??