आज थोड़ा सा मजाक में लेते है एक पोस्ट ।
पर सत्य है अगर अपनी ज़िंदगी मे
सोचु तो यथार्थ लगता है।
☺बचपन में 'रामायण' से
बहुत सारी अच्छी बातों के
साथ एक बुरी बात भी सीख ली थी ... "श्राप" देना...
भाई-बहनों, दोस्तों को जब-तब "श्राप" दे ही देते थे.
हम खुद को किसी ऋषि-मुनि से
कम थोड़े ना समझते थे.
सबसे ज्यादा दिया जाने वाला श्राप था
'जा, तू इस साल फेल हो जाये'