युद्ध तो वतनों का होता है।
पर हर कोई अपनों को खोता है।
किसी का श्रृंगार,किसी के लिए पिता का प्यार.....
हर रिश्ता बिखरता है....!!
किसी के बुढ़ापे की लाठी तो,
किसी बहन से उसका भाई बिछुड़ता है.....!!
ये युद्ध बस एक न भरने वाला दर्द दे जाता है।
हम तो बस दो चार दिन का शोक मना लेते हैं।
फेसबुक,व्हाट्सप पर अपना दर्द दिखा लेते हैं।
पर उनसे पूछो दर्द का मतलब,जो अपनों को खोता है।
वो इस दर्द से जीवन भर रोता है।
आखिर ये युद्ध क्यों होता है!!!
(पुष्पा मावड़ी)