पिंकी जैन's Album: Wall Photos

Photo 30,665 of 35,029 in Wall Photos

प्रेम और ध्यान दो शब्द मेरे आधार है।
भितर ध्यान बाहार प्रेम। स्वयम के भितर ध्यान, सम्बन्धो मे
प्रेम। ध्यान का फूल खिले प्रेम की गन्ध उडे। फिर अगर
तुम्हारी नैसर्गिक क्षमता होगि काव्य की तो कवि हो जाओगे।
अगर नैसर्गिक क्षमता होगी संगीत कि तो संगीतञ हो जाओगे।
नर्तक की तो नर्तक हो जाओगे। मुर्तिकार कि तो मुर्तिकार हो
जाओगे। फिर कुछ चेष्ठा करके थोपना ना होगा। क्यूकी सब
थोपा हूवा झुठा और मिथ्या होगा। फिर तुम्हारी जो नैसर्गिक
क्षमता होगि उसका हि अभिभार्व होगा। और जब भि कोइ
व्यक्ति अपनी स्वाईस्फूर्ना से जिता है। कवि हो, चित्रकार हो,
मुर्तिकार हो, नर्तक हो या इनमे से कुछ भि ना हो। दुनिया
पहेचान सके एसा कुछ भि ना हो। बिलकुल सधारण सा
व्यक्ति हो। फिर भि उसके जीवन मे कव्य होता है।
सौर्न्दर्य होता है। संबेदनसिलता होति है। क्यूकी उसके
भितर समाधी होति है..... #ओशो