अभी समय आ गया हे की सिविक अधिकारी अपनी निष्कर्मण्यता के लिए दंड के भागीदार बने और तय समय सीमा में कार्य ना करने पे जिम्मेदार ठहराए जाये.
अगर आपको समय नहीं हे और सक्षम नहीं हे तो निजी कार्य करके कर दाता बने ना की करदाताओं के पैसे पे मौज करे!
ऐसा ही एक सराहनीय पहल डी आयी जी श्रीमती रूपा ( जिन्होंने शशिकला की जेल सुविधाओं को उजागर किया था) ने की.