vijay mahto's Album: Wall Photos

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जब पुलिस ताकत के नशे में आतंक फैलाने वाला आतंकी बन जाए, जो काम आतंकी भी नहीं करते, उससे भी ज्यादा निर्ममता से उस जनता से पेश आते है, जिसकी हिफाजत की उन्होंने शपथ ही है, ठीक है कि आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट के सामने पेश करे, फिर कोर्ट तथ्यों के आधार पर फैसला करेगी, पर जब पुलिस ही कोर्ट से बड़ा बन जाए, और खुद को जान लेने वाला जल्लाद बना ले, और तो और उसकी निर्ममता से हत्या कर दे जिसने आजतक ठीक से दुनियाँ भी नहीं देखी है, तो फिर वैसे पुलिस को समाज मे जिंदा रहने का कोई हक नहीं होना चाहिए, वह इंसान तो नहीं हो सकता जिसके पास दिल ही न हो और बेरहम से औरतों और बच्चों को मारता है, अगर इस बच्ची का पिता भी जानवर बन जाए और उस पुलिस वाले के घर का पता करके उसकी बेटी को भी इसी बेरहमी से मार दे तो हल्ला नहीं मचनी चाहिए,(हम किसी भी अमानवीय अपराध का समर्थन नहीं करते है) क्योँकि उस परिवार को इंसाफ तो नहीं मिलेगा ए सच है, क्योंकि जो पुलिस जांच के लिए तीन सदस्यों की टीम बनी है उसमें कोई स्वतंत्र जांचकर्ता नही है बल्कि वही लोग शामिल हैं जो इन अपराधी पुलिस कर्मियों के साथी रहे है, और ए तो जगजाहिर है कि किस तरह पुलिस अपराधी पुलिस को बचती है, यदि एक आरोपी को पकड़ने के लिए आधी रात को जबरजस्ती घुसकर पत्नी व बच्चों को मारा जा सकता है, तो क्या न्याय में भे कैसा चितम्बरम को दिल्ली में जबतक वे न चाहे पुलिस उन तक पहुंच नही पाई और न ही उनपर किसी ने हाथ नही उठाया जबकि वह भी तो पुलिस से भागा था, ओ पैसे वाला और ए गरीब , अपराधी तो दोनों थे बस दौलत का अंतर था।