जो कभी भी खाली पेट ना रहा हो जिसे यह ना पता हो की भूख क्या होती है समय पर भोजन मिलता हो जिनका गरीबी से दूर दूर तक कोई वास्ता नहीं है क्या कभी भी इस तरह के व्यक्ति भारत की जनता के नेता बनकर भारत की जनता की समस्याओं का समाधान कर सकते हैं मुझे ऐसा नहीं लगता जिस व्यक्ति ने कभी गरीबी ना देखी हो वह भारत की गरीब जनता आम आदमी किसान मजदूर का क्या दुःख समझेगा मगर दुःख इसी बात का है की भारत की आज़ादी के बाद से ही इस तरह के लोग ही हमारे नेता बनते आ रहे हैं सभाओ में ग़रीब आदमी के कल्याण पर बड़े बड़े भाषण दिए जाते हैं जिन्हें सुनकर ऐसा लगता है कि यही वह नेता हैं जो भारत की जनता के सही और सच्चे हमदर्द है मगर यह सब भाषण तक ही सीमित रहता है गरीब व्यक्ति उस नेता के चेहरे को तकता रहता है जिस नेता ने भीड़ में खड़े होकर गरीबो के कल्याण के बड़े बड़े वादे किए थे मगर नेता जी के वादे वादे ही रह गए और गरीब आदमी गरीबी बेरोजगारी बीमारी भूख और अभाव में दम तोड देता है