सवाल तो पूछों!
बचपन से हमें सिर्फ जवाब देने की आदत हो गई है, ऐसे ही धीरे-धीरे हम सवाल उठाना ही भूल गए हैं।
बंधे- बंधाए ढर्रे पर चलना या आंख बंद करके अनुसरण करना सही तरीका नहीं है।
जो गलत हो रहा है या जो गलत कर रहे हैं उनसे हमें सवाल तो पूछना ही चाहिए कि आखिर वो क्यों कर रहे हैं ?
सच के लिए सवालों को करें तैयार
इनबुक होगा आपके लिए मददगार
आपके सवालों और सुझावों को दीजिए एक नया मंच,
इनबुक देश का एक सकारात्मक,सामाजिक मंच जहाँ पर आपके सवालों को हम सब मिलकर उन जिम्मेदारों से न केवल पूछेगें बल्कि उनका निराकरण भी कराएँगे।।