गोनाशिक पहाड़ काटकर 3 किमी लंबी नाली बना खेत में पानी लाने वाले #दैतारी_नायक को आज राष्ट्रपति ने पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया है। आप ओडिशा के आदिवासी समाज से हैं। आपकी बनाई नहर से 100 एकड़ खेत की सिंचाई होती है।
गौरतलब है कि बांसपाल, तेलकोई और हरिचंदपुर इलाके में कई गांव पानी की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। जहां पीने के लिए भी पानी नहीं है। पेयजल की कमी इन गांवों में सिंचाई के लिए पानी नहीं रहने देती, जिसके लिए किसानों को बारिश पर ही निर्भर रहना पड़ता है।
दैतारी नायक कहते हैं कि गांव में सिंचाई की सुविधा नहीं थी। हम अपने खेतों पर सफल नहीं उगा सकते थे, इसलिए मैंने अपने परिवार के सदस्यों के साथ तीन साल तक लगातार पहाड़ काटे, झाड़ियां साफ की ताकि गांव तक पानी लाया जा सके। आखिरकार सफलता मिल ही गई। दैतारी नायक ने बताया कि हम जंगल क्षेत्र में रह रहे हैं और अधिकतर आजीविका के रूप में खेती पर निर्भर हैं। सिंचाई सुविधाओं की कमी के कारण ठीक से खेती नहीं कर पाते थे। बंसपाल ब्लॉक के तहत बैतरानी गांव से आने वाले नायक की अब बिहार के दशरथ मांझी से तुलना की जा रही है जिसे माउंटेन मैन भी कहा जाता है।
दैतारी नायक ने भी कुछ ऐसा ही करके न केवल अपने गांव तक पानी पहुंचाने के लिए पहाड़ काटकर नहर बना दी और गांव तक झरने का पानी पहुंचा दिया, बल्कि 70 साल की इस उम्र नया इतिहास बना दिया है। गांव वाले बताते हैं कि जब जिला प्रशासन ने गांव के लोगों की कोई मदद नहीं की तो नायक ने इसे खुद करन का फैसला किया। सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता सुधाकर बेहरा ने कहा कि खबरों के मुताबिक नायक ने कराटाकाटा नल्लाह से पानी लाने के लिए एक नहर खोदी है। उन्होंने कहा कि हम गांव का दौरा करेंगे और सिंचाई के पानी की व्यवस्था के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे।