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बेटियां पढ़-लिखकर अपने आप में स्वावलम्बी बनें - कमिश्नर श्रीमती रेणू तिवारी
मुरैना 24 जनवरी 2020/ चम्बल संभाग की कमिश्नर श्रीमती रेनू तिवारी ने बेटियों से आहवान किया है कि वे खूब पढ़े-लिखें, ऊंचाईयों को छूयें, मेहनत करके अपने आप में स्वावलम्बी बनें।
चम्बल कमिश्नर श्रीमती रेनू तिवारी शुक्रवार को टाउन हाॅल में बालिका दिवस पर आयोजित समारोह को मुख्य अतिथि बतौर सम्बोधित कर रहीं थीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कलेक्टर श्रीमती प्रियंका दास ने की। मौके पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. आर.सी. बांदिल, एकीकृत बाल विकास विभाग के संभागीय संयुक्त संचालक श्री डीके सिद्धार्थ, जिला महिला बाल विकास अधिकारी श्रीमती सजन अलूना सहित बड़ी संख्या में लड़कियां उपस्थित थीं। बालिका दिवस पर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर योगा में भाग लेने वाली बच्चियों ने शानदार योगा प्रदर्शन किया। सामूहिक नृत्य सहित अनेक रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये। मौके पर राष्ट्रीय स्तर पर खेलों, योगा में उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाली बेटियों को मेमोन्टों एवं प्रशस्ती पत्र देकर सम्मानित किया गया। इसी अवसर पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं की एक्बेसेडर एवं राष्ट्रपति पद प्राप्त बेटी अद्रिका गोयल का कमिश्नर एवं कलेक्टर ने सम्मान किया।
बालिका दिवस समारोह में बेटियों से भरा टाउन हाॅल में चम्बल कमिश्नर श्रीमती रेनू तिवारी ने कहा कि आज महत्वपूर्ण दिन बालिका दिवस है। जिसे हम आज उत्साह उल्लास के साथ मना रहे है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के हित में एक एन.जी.ओ. द्वारा बेहतर कार्य करने को लेकर सरकार ने 11 अक्टूबर 1912 को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाना शुरू किया था, अब यह दिवस 24 जनवरी को मनाते है। कमिश्नर ने कहा कि यह दिवस हम क्यों मनाते है इसकी जानकारी हमें होना चाहिये। उन्होंने कहा कि हमारे समाज ने कई कुरूतियों को जन्म दिया, इसी में से एक कुरूति लड़कों को महत्व देना और लड़कियों को महत्व नहीं देना थी। इसका प्रभाव इतना बढ़ गया कि महिला पुरूष का अनुपात इतना बदल गया कि 2011 की जनगणना में एक हजार पुरूषों की तुलना में 829 महिलायें ही रह गई। महिलाओं की संख्या कैसे बढ़े इसके लिये सरकार ने कई कार्यक्रम बनाये। जिसमें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और महिला सशक्तिकरण जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। बालिका दिवस भी इसी का एक अंग है कि हम बेटियों को कैसे बचायें, लोगों में इस तरह की जागरूकता फैलायें की बेटी और बेटा दोनों ही एक समान है।
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जितनी सेवायें बेटियां करती है, उतनी बेटे नहीं करते। कमिश्नर ने मौके पर बेटियों से आहवान किया कि वे किसी से डरे नहीं, निडर बनें, खूब पढ़े-लिख, ऊंचाईयों को छूये मेहनत लगन से अपने आप में स्वावलम्बी बनें। फिर अपना विवाह ऐसे व्यक्ति से करें जो शरीफ हो, पढ़-लिखकर नौकरी वाला हो, सब की इज्जत करने वाला हो। कमिश्नर ने कहा कि मुरैना में महिला सशक्तिकरण की परिभाषा लिखी जा रही है। अपने आप को स्वस्थ्य रखने के लिये जिम का उपयोग कर रही है। उन्होंने महिलाओं से आहवान किया कि वे अपने अधिकारों को जानें, पहचानें, हमारा संविधान सर्वजाति विश्व बन्धुत्व को बढ़ाने वाला है। इसका ज्ञान सभी को होना चाहिये। उन्होंने बालिकाओं को स्वस्थ्य रखने की सलाह देते हुये कहा कि वे पोष्टिक भोजन लें। शरीर में एनामिक की कमी नहीं रहे। इसके लिये हरी सब्जियां बेर, अमरूद, आंवला, पत्तेदार के रेशेदार सब्जियां खायें। फास्टफूड का उपयोग नहीं करें। यू-ट्यूब पर तरह-तरह की व्यंजन बनाने की विधियां सीखें।
कलेक्टर श्रीमती प्रियंका दास ने कहा कि बेटियों की उपस्थिति में हम बालिका दिवस सेलीबिरेट कर रहें है। उन्होंने कहा कि समस्याओं के समाधान ढू़ढ़ने के लिये ही हमें विभिन्न दिवसों को मनाते है। समाज में बालिकाओं के प्रति विकृति आने पर पुरूष महिला के अनुपात में अन्तर आया है। जबकि पुरूष और महिला एक समान है। हमें महिलाओं को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। बेटियों को पढ़ाने और उन्हें सशक्त करने की जरूरत है। जिससे वे अपनी स्वयं की रक्षा कर सकें। उन्होंने मौके पर महिलाओं को बाल विवाह रोकने, दहेज नहीं देने की आवाज उठाने का आहवान किया। बेटियों में काफी प्रतिभायें है, वे खिलाड़ी, डाॅक्टर, वैज्ञानिक, इन्जीनियर, कलेक्टर, कमिश्नर बन सकती है। इसके लिये शिक्षित होना जरूरी है। उन्होंने मौके पर बेटियों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया। हमारी बेटियां खुश रहें, खूब पढ़े-लिखे, सशक्त बनें, स्वावलम्बी बनें तभी हमारा बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान सार्थक होगा।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. आर.सी. बांदिल ने कहा कि बालिका स्वस्थ्य रहेंगी तभी सशक्त बन सकती है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की ओर से बालिकाओं के लिये चल रही स्वास्थ्य योजनाओं को बताते हुये कहा कि वे एनामिक नहीं बनें। हमेशा आयरन की गोली खाती रहें, ताकि गर्भावस्था के समय खून की कमी नहीं रहें।
संभागीय संयुक्त संचालक श्री डी.के. सिद्धार्थ ने बालिका दिवस के उद्देश्यों को बताते हुये कहा कि अगले 7 दिवस बालिकाओं के उत्थान की दिशा में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होता रहेगा। डाॅ. रफीक मोहम्मद बेग ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कहा कि बालिकाओं को सीमिति आहार करने, अपने आप को स्वस्थ्य रखने की दिशा में जानकारियां , मौके पर चम्बल कमिश्नर श्रीमती रेनू तिवारी और कलेक्टर ने सभी उपस्थित बेटियों को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं की शपथ ।
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