आपका सच्चा हितैषी, शुभचिंतक कौन?
क्या एक शुभचिंतक अच्छा दोस्त हो सकता है!
जिंदगी का सबक और दुनिया के व्यवहार का अध्ययन बताता है कि शुभचिंतक असल में वह है, जो हमारी चिंता केवल शुभ के समय करता है। शुभचिंतक वह नहीं, जो हमारा शुभ चाहता है बल्कि वह है जो शुभ होते रहने पर ही हमारे साथ होता है। जिंदगी की दौड़ में जैसे-जैसे हम आगे बढ़ते जाते हैं अक्सर दोस्तों से दूर और शुभचिंतकों से घिरते जाते हैं। ऐसे लोग जो आपका 'शुभ' होने के दौरान आपके समीप होते हैं, अपने आप शुभचिंतकों में जुड़ जाते हैं। वह दोस्त नहीं होते, वह मित्र नहीं होते क्योंकि मित्र अवसरों के जंगल में पैदा नहीं होते वह संघर्ष की चक्की में साथ पिसने वाले हमसफर होते हैं। जिनके अक्सर आपका गियर बदलने के बाद छूट जाने का डर बना रहता है।
दोस्तों और शुभचिंतकों को समझते हुए जीवन में सदैव आगे बढ़ते रहें।