संजीव जैन's Album: Wall Photos

Photo 10,318 of 15,035 in Wall Photos

एक बार तो शेर दहाड़ें,पंजे दाँत संवार कर,
बाज़ भरें परवाज हमारे,नाखूनों पर धार कर;
इन गिद्दों के पंख नोंच दें,ऐसे गरुड़ निकालिए,
खाल खींच लें जो कौओं की,उन चीलों को पालिए;
इनके जो ज़हरीले फ़न हैं,लगा नेवले तोड़िये
रंगे सियारों के झुंडों पर,असली चीते छोड़िये।

दिल्ली वाला तख़्त सलामी देना उनको बंद करे,
उठा गलीचों से उनको सब हुक्का-पानी बंद करे;
उनकी पंगत में जो बैठे बाहर हो वो जात से,
धक्के मार भगायो उनको अपनी दरी-बिछात से;
दुश्मन दुश्मन ही होता है यार नहीं हो सकता,
गद्दारों का खून कभी खुद्दार नहीं हो सकता।

मत रोको अब भारत की तरुणाई को बल खाने दो,
तिलक रक्त के नहीं लगाना शोणित से नहलाने दो;
सभागार के नूपुर तोड़ो, तांडव नृत्य रचाइए,
जितने कुम्भकर्ण सोये हैं उन्हें अभी जगाइए;
बहुत बाँट कर अमृत देखा अब हाला फैला दो;
जिसने फैंकी है चिंगारी उसको ताप दिखा दो।
..........चौ. समर