मेरा अपना पुस्तकालय
वर्तमान में पुस्तकों से बढ़ती हुई दूरी और इसके दुष्परिणाम से हमारी पीढ़ी भ्रमित और संस्कृति से दूर होती जा रही है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए इनबुक नेटवर्क एक अभियान" हर गांव हो मेरा अपना पुस्तकालय "चला रहा है।
इनबुक का मानना है कि पुस्तकें समाज का दर्पण होने के साथ-साथ भविष्य के लिए मार्गदर्शक भी होती हैं।
आप भी यथाशक्ति, यथासंभव सहयोग देकर इस अभियान में शामिल होकर अपने गांव में पुस्तकालय का शुभारंभ कर सकते हैं या फिर किसी एक पुस्तकालय के लिए पुस्तक दान भी कर सकते हैं।