हंगामा है क्यों बरपा...?
भारतीय सेना में कैप्टन रहे अपने 23 वर्षीय अग्रज को 1965 में पाकिस्तान के साथ युद्ध में बलिदान होते देखने के बाद एक नौजवान ने अपने परिवार की इच्छा के विपरीत भारतीय सेना में ही जाने की ठानी और IAS बनने का सपना त्याग कर भारतीय सेना की उंगली पकड़ कर भारत मां की रक्षा की राह पर चल पड़ा था। 1971 से 1999 तक पाकिस्तान से हुए प्रत्येक युद्ध में उसने अपने प्राणों की बाजी लगा कर पाकिस्तान की सेना को धूल चटाने में अपना योगदान दिया। अपने शौर्य, अपने साहस, अपने पराक्रम के कारण वह नौजवान भारतीय सेना के दूसरे सर्वोच्च स्थान पर पहुंच कर भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हुआ।
मां भारती के ऐसे वीर सपूत को एक न्यूज चैनल पर अपमानित करने, उसकी खिल्ली उड़ाने का कुकर्म कर रहे दानिश रिजवान नाम के कांग्रेसी को यदि भारतीय सेना के महायोद्धा रहे उस बुजुर्ग ने गाली दे दी तो उस पर इतना हंगामा क्यों कर रही है दिल्ली के लुटियनिया दलालों और कांग्रेसी चमचों चाटुकारों की फौज.?
मित्रों मैं बात कर रहा हूं भारतीय सेना के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल जीडी बख्शी की। चीन के विरुद्ध जिनके आक्रोश की खिल्ली उड़ाकर दानिश रिजवान नाम का कांग्रेसी उन्हें अपमानित करने का कुकर्म कर रहा था।परिणामस्वरुप जीडी बख्शी अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रख सके और दानिश रिजवान को उन्होंने गाली दे दी। तब से ट्विटर पर लुटियनिया दलालों और कांग्रेसी चमचों चाटुकारों की फौज रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल जीडी बख्शी के विरुद्ध ज़हर उगलने में जुटी हुई है।
उल्लेख कर दूं कि एक काग़ज़ी संस्था का कर्ताधर्ता बनकर न्यूजचैनलों पर आने वाला दानिश रिजवान कश्मीरी आतंकियों, पाकिस्तानी फौज और कांग्रेस पार्टी की आलोचना किए जाने पर आग बबूला हो जाता है और आलोचना करने वाले पर टूट पड़ता है।आजकल चीन और कांग्रेस की आलोचना करने वालों के साथ वो यही आचरण कर रहा है।एक छद्म संगठन की नकाब पहन कर मीडिया में कश्मीरी आतंकियों, पाकिस्तानी फौज और कांग्रेस पार्टी की वक़ालत वो उसी तरह करता है जिस तरह भेष बदलकर कालनेमि अपने आका रावण की चाकरी करता था। ऐसे कालनेमि को मां भारती के एक वीर सपूत ने गाली दे दी तो हंगामा क्यों बरपा है.?
चित्र के साथ प्रस्तुत रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल जीडी बख्शी को मिले सैन्य सम्मानों की सूची उनके शौर्य एवं पराक्रम की गाथा स्वयं कहती है।