संजीव जैन's Album: Wall Photos

Photo 12,185 of 15,237 in Wall Photos

"फूल डाली से गुंथा ही झर गया,
घूम आयी गंध पर सँसार में।

था गगन में चाँद लेकिन चाँदनी,
व्योम से लाई उसे भू पर उतार ,
बाँस की जड़ बाँसुरी को एक स्वर,
कर गया गुंजित जगत के आर-पार,
बद्ध सीमा में समुन्दर था मगर
मेघ बन उसने छुआ जा आसमान;
और मिट्टी के दिये को एक लौ,
दे गई चिर ज्योति चिर अँधियार में।

व्यक्ति ही सीमित, मगर व्यक्तित्व का,
चिर असीमित, चिर अबाधित है प्रसार;
देवता तो सिर्फ मठ की वस्तु है,
किन्तु है देवत्व संसृति का श्रृंगार;
है नहीँ संसार में सीमित प्रणय,
किन्तु है संसार सीमित प्यार में।

फूल डाली से गुंथा ही झर गया,
घूम आयी गंध पर सँसार में।" ....नीरज जी

सरदार बल्लभ भाई पटेल जी ऐसे भारत निर्माण की कल्पना की थी, जिसमें संतुलित विकास हो, उसमें सभी क्षेत्रों के लोगों और समाज के सभी वर्गों का योगदान मिले तथा उन तक लाभ पंहुचे। आज राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर हम सभी भारतीयों को पूर्ण विश्वास और दृढ निश्चिय के साथ, एकता की मुट्ठी बांध, खड़े हो हर चुनौती का सामना करना होगा।

"मेरे वतन लोगों …
जो मुस्कराये हरदम वह फूल हम खिला दें, मेरे वतन के लोगों अपना अंजुमन सजा लें;
मैं जहाँ-2 से गुजरा, वह राह है नज़र में, औरों को चुभ न जाये वह शूल हम हटा दें;
चारों तरफ हमारे नफरत का है अँधेरा, करे प्यार का उजाला वह दीप हम जला दें।
यह नाव खेते -2 हम अकेले थक गए हैं, लग जाये यह किनारे, यदि हाथ सब लगा दें;
यूँ मिल के सबसे दिल की बातें बताएं कैसे, कब से भटक रहें जो, उन्हें रास्ता सुझा दें।
मेरे वतन लोगों …