टकला बाबा's Album: Wall Photos

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सुरेन्द्र कुमार भगत जी के वॉल से सभार...
#सच_में_भारत_क्रांतिकारियों_का_देश_है...क्यों कि इसी भारत के प्रयागराज (पहले इलाहाबाद) में #नेहरू के घर के ठीक बगल #चंद्रशेखर_आजाद को ३ अंग्रेज अफसर के साथ ३०० हिन्दुस्तानी सिपाही घेर कर मार डालते हैं और पूरे इलाहाबाद से एक भी व्यक्ति डंडा ले कर भी आजाद की मदद को नहीं निकलता है...?
सच में भारत क्रांतिकारियों का देश है...क्यों कि इसी भारत माँ के सब से वीर सपूतों भगत,राजगुरु,सुखेदव और बिस्मिल के गले में फांसी का फंदा डाल कर गला घोंट देने वाले सारे #जल्लाद_भारतीय थे...?
सच में भारत क्रांतिकारियों का देश है...क्यों कि इसी भारत में #सिर्फ_तनख्वाह_पाने_की_लालच_में प्रभु श्री राम के भक्तों के खून से अयोध्या के #सरयू_के_जल को लाल कर देने वाला एक एक सिपाही तरक्की पाता है और उनको #रामभक्तों_के_खून_की_नदी बहाने का आदेश देने वाला मुख्यमंत्री बन जाने के बाद प्रधानमंत्री के सपने देखता है...?
सच में भारत क्रांतिकारियों का देश है...क्यों कि इसी भारत के १०० करोड़ भाइयों की एक बहन #साध्वी_प्रज्ञा_सिंह के कपडे उतार कर उसको ब्लू फ़िल्म दिखा कर एक #पुलिस_वाला_दानव_जानवरों की तरह पीटता है और उस बहन की #चीख_पर_दिल्ली_में_सत्ता_पर_बैठे लोग जश्न मानते हैं और बाकी १०० करोड़ अपने अपने घरों में अपनी #औरतों_के_पल्लू_में_घुस कर तमाशा देखते हैं...?
सच में भारत क्रांतिकारियों का देश है...क्यों कि इसी भारत के #वीर_जवानों_का_सर_दिन_दहाड़े काट कर फ़ुटबाल की तरह खेलते हुए दुसरे देश में चला जाता है और इसी देश में उन #सर_काटने_वालों_को_पनाह दी जाती है...?
सच में भारत क्रांतिकारियों का देश है...क्यों कि इसी भारत को विश्व गुरु का दर्ज़ा दिलाने वाले गुरु गोविन्द सिंह,बंदा बैरागी,चन्द्रगुप्त,चाणक्य,श्री राम,श्री कृष्ण,तात्या टोपे,मंगल पण्डे को कोई नहीं जानता पर #चाँद_मिया_उर्फ़_साईं,पृथ्वी राज के हत्यारे अजमेर वाले बाबा, औरंगज़ेब के रिश्तेदार बहराइच वाले बाबा,हिन्दूओ की #कटी_खोपड़ी_से_मिनार बना देने वाले #गाज़ी_बाबा हमारे भगवान् बन कर पूजे जाते है...?
में फिर पूछता हूं क्या वाकई में #भारत #क्रांतिकारियों #का #ही #देश #है...क्योकि एक #सनातनी को उसके पूर्वजों ने शदियों से...पता नही कितनी #आहुतियां देकर आज तक उसको सनातनी बनाये रखा...उनके नाम का #बोझ भी कुछ #खनकते #सिक्को के लालच में जो न उठा सका...आज उस #फिल्मी #भांड की...आत्मघाती मौत पर हिन्दूओ द्वारा सुखी छातीयो को पीट पीट से दूध उतार मातम मनाया जा रहा हो...नही तो लालटेन की रोशनी में पढ़े,कुदाली थाम खेत जोते,एक अदद साइकिल का सपना संजोए बच्चे कभी आत्महत्या नहीं करते वो जीते हैं जीने के लिए...मरते भी है तो ऐसी संजीदा मोत...जो इतिहास के सुनहरे पन्नो में कैद हो जाये...रही बात अपन की तो अपनों की पीड़ा से फुर्सत मिले तब ना गैरों की मौत पर आँसू बहाऊं...?
संजय लीला भंसाली की चित्तौड़ की महारानी सती पद्मिनी पर रचित महा घटिया फिल्म का नैतिक समर्थन करने वाले की आत्महत्या पर यही कहना है कि नियति उसे उसके कर्मों का फल दे रही है,
ये व्यक्ति अपने आप को न हिंदू मानता था और राजपूत होने पर बहुत ही ज्यादा शर्मिंदा था क्योंकि इसके बाप रखैलनंदन संजय लीला भंसाली को पद्मावती के अपमान पर कुछ आक्रोशित राजपूत युवाओं ने थप्पड़ जड़ दिये थे...!
बात दूसरी हमारे शास्त्र आत्महत्या करने वाले का नाम लेना भी पाप मानते हैं,उसे उत्तर क्रिया से वंचित किया गया है,आत्म हत्या करने वाले को अग्नि देकर घरवालों को भी उसे भूल जाने का आदेश है,आत्म हत्या करने वाले के लिए १२ दिन का उत्तरकर्म भी नहीं किया जाता,शास्त्रों की आज्ञा का उल्लंघन करने वाले ऐसे मूढ़ पंडितों के भी कुल का सर्वनाश होता है...आचार्य चाणक्य ने तो यहाँ तक कहा है कि,"आत्महत्या करने वाले की शवयात्रा में जाने पर भी महापातक लगता है"
मैं निर्दयी लग सकता हूँ किंतु मेरे लिए कुछ विशेष विषयों पर शास्त्र सम्मत मान्यताओं का ही समादर है क्योंकि शास्त्र हजारों वर्षों में लाखों लोगों के जीवन का अध्ययन करके लिखे जाते हैं...सुशांत जैसे लोग दो कौड़ी के होते हैं,जिनसे राजपूत सरनेम का बोझ उठाया नही जाता...मेरी कोई सहानुभूति नही है,सनातन का एक छद्म शत्रु कम हुआ अच्छा है...विभाजन रेखा स्पष्ट होनी चाहिए...हिन्दू की स्खलित होने की बीमारी पुरानी है...जितना जल्दी सुधर जाओ,अच्छा होगा...इस युद्ध में या तो पूरी हार होगी या पूरी जीत...कृपया मूर्खतापूर्ण भावुकता में ऐसे कृतघ्न पापियों का नामोल्लेख कर किसी भी आपदा को आमंत्रित करने से बचिये...!!!