टकला बाबा's Album: Wall Photos

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#विजय_स्तंभ
हमारी इतिहास की किताबें मुगल काल से शुरू होकर अंग्रेजों पर खत्म हो जाती हैं । लेकिन हमारे पूर्वज अतीत के बर्बर आक्रांताओं पर हमारे योद्धाओं के शानदार जीत के सबूत के तौर पर इन विरासतों को छोड़ गए ।

अगर यह विजय स्तंभ ना होता तो हमारे वामपंथी इतिहासकारों ने हमें यह विश्वास दिला दिया होता कि राणा कुम्भा नाम का कोई राजा था ही नहीं जिसने महमूद खिलजी को रौंद दिया था ।

#विकिपीडिया
विजय स्तम्भ भारत के राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित एक स्तम्भ या टॉवर है। इसे मेवाड़ नरेश राणा कुम्भा ने महमूद खिलजी के नेतृत्व वाली मालवा और गुजरात की सेनाओं पर विजय के स्मारक के रूप में सन् 1440-1448 के मध्य बनवाया था। यह राजस्थान पुलिस ओर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का प्रतीक चिन्ह है। इसे भारतीय मूर्तिकला का विश्वकोश और हिन्दू देवी देवताओं का अजायबघर कहते हैं। इस इमारत को कीर्तिस्तम्भ से भी जाना जाता है | वास्तुकार :- मंडन, जैता व उसके पुत्र नापा, पुंजा।
उपेन्द्रनाथ डे ने इसको(प्रथम मंजिल पर विष्णु मंदिर होने के कारण) विष्णु ध्वज कहा है। ऊंचाई 122 फिट चौड़ाई 30 फिट । 9 मंजिला इमारत । इसे विष्णु स्तम्भ भी कहा जाता हैं।

(विजय स्तंभ, चितौड़गढ़ राजस्थान)