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पहला हाईप्रोफाइल पुलिस एनकाउंटर

राजस्थान के भरतपुर- डीग में 20 फरवरी 1985 को पुलिस फायरिंग में हुई थी राजा मानसिंह की मौत । मानसिंह पर तत्कालीन सीएम शिवचरण माथुर के हेलिकाॅप्टर को तोड़ने का लगा था आरोप।
केस में अब तक हो चुकीं 1607 तारीखें
करीब 35 साल पहले हुए इस हत्याकांड में अब तक लगभग 1607 तारीखें पड़ने के साथ ही 14 वकील बदल चुके हैं। फैसला कब आएगा यह तो नहीं कहा जा सकता। लेकिन, भरतपुर के लोगों को इसका इंतजार जरूर है। केस की गंभीरता इसी से आंकी जा सकती है कि मुख्य आरोपी तत्कालीन डीएसपी कानसिंह भाटी एवं 14 अन्य आरोपियों को पेशी पर स्पेशल टास्क फोर्स की निगरानी में लाया जाता है। अनुमान है कि एक पेशी पर सरकार के करीब 50 हजार रुपए खर्च होते हैं। अब तक पेशी कराने में ही सरकार के करीब 9 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं।

#झंडा उतारने से नाराज राजा मानसिंह ने तोड़ दिया था सीएम का हेलीकॉप्टर

वर्ष 1985 में विधानसभा चुनाव हो रहे थे। राजा मानसिंह निर्दलीय प्रत्याशी थे और कांग्रेस के प्रत्याशी सेवानिवृत आईएएस ब्रजेंद्रसिंह थे। कांग्रेस के पक्ष में सभा करने के लिए 20 फरवरी को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर डीग आए थे। बताया जाता है कि कांग्रेस समर्थकों ने किले में लक्खा तोप के पास लगे राजा मानसिंह के रियासतकालीन झंडे को हटाकर कांग्रेस का झंडा लगा दिया था। इससे राजा मानसिंह नाराज हो गए।

FIR के अनुसार राजा मानसिंह ने चौड़ा बाजार में लगे तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर के सभा मंच को जोंगा (वाहन) की टक्कर से तोड़ दिया। इसके बाद वे हायर सेकंडरी स्कूल पहुंचे और सीएम के हेलीकॉप्टर को टक्कर मारकर क्षतिग्रस्त कर दिया। इस मामले में दो एफआईआर दर्ज हुई। तत्कालीन डीएसपी कानसिंह भाटी 21 फरवरी, 1985 को दोनों एफआईआर की कापी लेकर जयपुर जाने वाले थे। लेकिन, बताते हैं कि उन्हें फोन आया और वे जयपुर जाने के बजाय थाने पहुंच गए। वहां आरएसी के कुछ जवानों समेत हथियार बंद फोर्स को तैयार कर राजा मानसिंह को गिरफ्तार करने की बात कही।

पुलिस ने अनाज मंडी में राजा मानसिंह को हाथ से रुकने का इशारा किया। लेकिन, राजा मानसिंह ने आगे रुकने का इशारा किया। इस पर पुलिस जीप के ड्राइवर महेंद्र सिंह ने जीप को जोंगा के आगे लगा दिया। जब राजा मानसिंह अपने जोंगा को बैक करने लगे तभी फायरिंग हुई। इसमें राजा मानसिंह, सुमेरसिंह और हरिसिंह को गोली लगी। जिन्हें भरतपुर के अस्पताल लाया गया, जहां उन्हें डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इस काण्ड के बाद शिवचरण माथुर की मुख्यमंत्री पद की कुर्सी चली गई थी।

ये वो जोंगा जीप का कबाड़ है जिससे मान सिह ने मंच और हेलिकॉप्टर तोड़ा था।

साभार.. वाया व्हाट्सएप