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#फिर_वही_कहानी

  • *"फिर वही कहानी"*

    जिंदगी के सफ़र और रास्ते
    मौत के साथ ही रुकते हैं
    इस रहगुजर में कुछ जायेंगें
    तो कुछ नये भी आयेंगें
    जो हाथ व साथ छोड़ जाते हैं
    वही अक्सर इन राहों में
    कहीं गुम हो जाते हैं
    नज़रों के सामने तो
    चाहे कोई रहे या न रहे
    मगर वो दिल में हमेशा
    याद बनकर ठहर जाते हैं
    जो तुमने मुझे दिया
    वो ताउम्र मेरे साथ रहेगा
    जो मेंने तुम्हें दिया
    वो भी तुम्हारा ही रहेगा
    भूल मैं तुम्हें जाऊं ये हो नहीं सकता
    तुम मुझे भूला दो ये भी मुमकिन नहीं
    आवाज़ तो हमने भी बहुत दी
    मगर तुम अनसुना कर गये
    तोड़कर जब तुम हमें
    तिनका-तिनका बिखेर चुके थे
    वो हमारे नासूर ज़ख्मों पर
    मलहम लगाने के लिए खड़े थे
    तुम्हें जाने की ज़िद्द थी
    इसलिए तुम्हें रोक न सका
    फिर वही कहानी वही मंज़र था
    मेरी मुहब्बत का आशियाना बंजर था
    फर्क सिर्फ इतना ही तो था
    किरदार में तुम्हारी जगह मैं
    और मेरी जगह कोई और खड़ा था।

    *घनश्याम शर्मा 'राधेय' :03/07/2022*